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रुद्रप्रयाग,वाईबीएन डेस्क: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में शुक्रवार देर रात हुई भारी बारिश ने भारी तबाही मचाई है। जिले के बेड़ू बगड़ और चमेली गांव अतिवृष्टि से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। ग्रामीणों के मुताबिक, रात को बादल फटने जैसी स्थिति बनी, जिससे रुमसी गदेरे में उफान आ गया और भारी मलबा गांवों में घुस गया। बारिश इतनी तेज थी कि कई मकान और वाहन मलबे में दब गए। ग्रामीणों ने बताया कि वह गहरी नींद में सो रहे थे कि अचानक तेज आवाज से उनकी नींद खुली। बाहर निकलते ही चारों ओर तबाही का मंजर था। रातभर लोग किसी तरह जान बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे।
सुबह उजाले में दिखा तबाही का भयावह दृश्य
शनिवार सुबह जब उजाला हुआ तो इलाके में चारों ओर मलबा ही मलबा नजर आया। कई जगह दोपहिया वाहनों के हैंडल और घरों के टिन शेड मलबे से झांकते दिखाई दिए। स्थिति से अंदाजा लगाया जा सकता है कि रात में पानी और मलबे का कितना भयानक सैलाब आया था। गांव का इंटर कॉलेज भी क्षतिग्रस्त हुआ है और उसके आस-पास भारी मात्रा में मलबा जमा हो गया है। राहत की बात यह है कि अब तक किसी जानमाल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन वित्तीय नुकसान और संपत्ति की क्षति का आकलन करना अभी मुश्किल है।
रेस्क्यू टीमें मौके पर रवाना
सूचना मिलते ही प्रशासनिक टीमें और राहत एवं बचाव दल मौके पर रवाना हो गए हैं। मलबा हटाने और प्रभावित परिवारों की मदद के लिए प्रयास जारी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस मलबे को हटाने में काफी वक्त और संसाधन लगेंगे।
केदारनाथ यात्रा मार्ग बाधित, यात्रियों की आवाजाही पर रोक
उधर, रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड क्षेत्र में भी शुक्रवार रात भारी बारिश के बाद पहाड़ी दरक गई, जिससे केदारनाथ यात्रा मार्ग पूरी तरह बाधित हो गया है। लैंडस्लाइड के कारण मलबा और पत्थर पैदल मार्ग पर फैल गए हैं, जिससे यात्रियों की आवाजाही पूर्ण रूप से रोक दी गई है। लोक निर्माण विभाग के सहयोग से मार्ग को फिर से खोलने के प्रयास जारी हैं, लेकिन फिलहाल यात्रियों को रोककर सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है। पुलिस प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम पूर्वानुमान देखकर ही यात्रा शुरू करें। पिछले कई दिनों से क्षेत्र में मॉनसून की जोरदार बारिश हो रही है और मौसम विभाग लगातार अलर्ट जारी कर रहा है।