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Breaking : कुल्लू में फटा बादल — मंडी में भूस्खलन, जानें हिमाचल पर बरपा कहर | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर लगातार जारी है। आज मंगलवार 19 अगस्त 2025 को कुल्लू जिले की लगघाटी में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। जबकि शिमला और मंडी में भूस्खलन से सड़कें और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस प्राकृतिक आपदा ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। आपदा प्रभावितों की मदद के लिए प्रशासन राहत व बचाव कार्यों में लगा हुआ है।
दरअसल, पिछले कुछ हफ्तों से हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। मंगलवार सुबह कुल्लू जिले की लगघाटी में बादल फटने की घटना ने हालात को और गंभीर बना दिया। इस घटना ने दो दुकानों और एक बाइक को अपनी चपेट में ले लिया। राहत की बात यह रही कि किसी भी तरह की जनहानि की खबर नहीं है। प्रशासन ने तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू कर दिया। बादल फटने से इलाके में अचानक पानी का तेज बहाव आया, जिसने सब कुछ तहस-नहस कर दिया।
शिमला और मंडी में भूस्खलन से हाहाकार
सिर्फ कुल्लू ही नहीं, शिमला और मंडी जिलों में भी मानसून का प्रकोप देखने को मिला। भारी बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन हुए, जिससे मुख्य सड़कें बंद हो गईं और यातायात ठप हो गया। मंडी जिले में चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर मलबा आने से कई घंटों तक जाम लगा रहा। पर्यटकों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। शिमला जिले में भी कई ग्रामीण सड़कों पर भूस्खलन हुआ है, जिससे गांवों का संपर्क टूट गया है।
ब्यास नदी का रौद्र रूप, बह गया भूतनाथ पुल
कुल्लू में ब्यास नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि भूतनाथ पुल के पास की सड़क पूरी तरह से बह गई है। यह पुल कुल्लू के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इसके पास की सड़क का बह जाना एक बड़ी समस्या बन गया है। नदी का यह रौद्र रूप देखकर स्थानीय लोग दहशत में हैं। प्रशासन ने नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
प्रशासन का बड़ा फैसला: स्कूलों में छुट्टी, अलर्ट जारी
लगातार बारिश और खराब मौसम को देखते हुए, प्रशासन ने कई जिलों में स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का फैसला किया है। कुल्लू, शिमला और मंडी जैसे जिलों में शैक्षणिक संस्थान बंद हैं ताकि छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए भी भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।
हिमाचल में आपदा की क्या है वजह?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और पहाड़ों में हो रहे अनियोजित निर्माण ने ऐसी घटनाओं को बढ़ा दिया है। पहाड़ों की नाजुक संरचना और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से मिट्टी की पकड़ कमजोर हो गई है, जिससे भूस्खलन की घटनाएं ज्यादा हो रही हैं। बादल फटने की घटनाएं भी पहले से कहीं ज्यादा होने लगी हैं। यह एक गंभीर चेतावनी है कि हमें प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर चलना होगा।
क्या हिमाचल सरकार की तैयारी
हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस आपदा से निपटने के लिए सभी जिलों में आपातकालीन टीमों को अलर्ट पर रखा है। एनडीआरएफ की टीमें भी प्रभावित इलाकों में पहुंच चुकी हैं। लोगों को सुरक्षित निकालने और क्षतिग्रस्त सड़कों को जल्द से जल्द खोलने पर जोर दिया जा रहा है। सरकार ने प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद देने का वादा किया है।
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