नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPPCL) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत ने हिमाचल प्रदेश में ऐसा बवाल मचा दिया है कि सरकार को मुंह दिखाना भारी पड़ रहा है। उनकी मौत ने एक तरफ राजनीतिक आक्रोश पैदा कर दिया है तो दूसरी तरफ सरकार को प्रशासनिक स्तर पर भी कटघरे में ला खड़ा दिया है। सरकार इस कदर बैकफुट पर आ चुकी है कि डीजीपी समेत कई बड़े अफसर जबरन छुट्टी पर भेज दिए गए हैं।
भाखड़ा बांध के पास से मिला था विमल नेगी का शव
विमल नेगी 10 मार्च को अचानक लापता हो गए थे। 18 मार्च को बिलासपुर जिले के भाखड़ा बांध से उनका शव बरामद किया गया। यहां तक कोई गफलत नहीं थी। सारे मान रहे थे कि ये खुदकुशी का केस है लेकिन मामले में ट्विस्ट तब आया जब नेगी के परिवार ने होम डिपार्टमेंट के साथ पुलिस के बड़े अफसरों पर उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया। हालांकि मामला तब भी नहीं बिगड़ा था। सरकार की किरकिरी तब हुई जब ये केस हाईकोर्ट में पहुंचा। एडवोकेट जनरल को पता भी नहीं चला और अफसरों ने स्टेटस रिपोर्ट वहां दाखिल कर दी। रिपोर्ट भी ऐसी कि हाईकोर्ट हत्थे से उखड़ गया और मामले में सीबीआई की एंट्री हो गई। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है।
डीजीपी और एडिशनल चीफ सेक्रेट्री जबरन छुट्टी पर भेजे गए
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार के लिए परेशानी की बात ये भी है कि केंद्र में बीजेपी है और सीबीआई उसको रिपोर्ट करती है। सुक्खू ने अपनी खाल बचाने के लिए डीजीपी अतुल वर्मा के साथ अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ओंकार शर्मा और शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी को अनुशासनहीनता के लिए छुट्टी पर भेज दिया है। 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी डीजीपी वर्मा 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उनकी जगह 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी अशोक तिवारी को नियुक्त किया गया है। अभी वो डीजीपी (सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) के पद पर तैनात हैं। उन्हें डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। डीजीपी वर्मा और अतिरिक्त मुख्य सचिव शर्मा पर मुख्य अभियंता की मौत के मामले में महाधिवक्ता से जांच कराए बिना हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आरोप है। पुलिस अधीक्षक गांधी ने डीजीपी के कर्मचारियों पर मादक पदार्थ तस्करी गिरोह से संबंध होने का आरोप लगाया था। हालांकि, डीजीपी ने पहले ही गांधी के निलंबन की सिफारिश कर दी थी।
बीजेपी बोली- सीएम दफ्तर तक जाए सीबीआई, कुछ बड़ा मिलेगा
विमल नेगी की मौत में बीजेपी को एक बड़ा मौका दिखाई दे रहा है। भाजपा ने ही सीबीआई जांच की मांग की थी। पार्टी का आरोप है कि यह मामला भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलता से जुड़ा है, जिसका मुख्यमंत्री कार्यालय से भी संबंध हो सकता है। भाजपा सांसद हर्ष महाजन ने कहा कि प्रशासनिक विफलता, भ्रष्टाचार और तथ्यों को दबाने के प्रयासों के स्पष्ट सबूत हैं। सीबीआई को मुख्यमंत्री कार्यालय तक जाना चाहिए। राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने दावा किया कि सरकार ने तथ्यों को छिपाने और जांच को भटकाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश चौंकाने वाले हैं। सीबीआई सौर परियोजनाओं की जांच करे तो कुछ बड़ा मिलेगा।
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