देहरादून, वाईबीएन डेस्क: उत्तराखंड राज्य मंत्रिमंडल ने हाल ही में आयोजित बैठक में कई अहम नीतिगत फैसले लिए, जो राज्य के विकास, प्रशासनिक पारदर्शिता और रोजगार सृजन में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। इन निर्णयों में अधिप्राप्ति (प्रोक्योरमेंट) नियमावली 2024, मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी 2025, योग नीति 2025 सहित कुल 11 प्रमुख फैसले शामिल हैं।
प्रोक्योरमेंट नियमावली 2024 का प्रख्यापन
राज्य सरकार ने उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली, 2017 में बदलाव करते हुए 'प्रोक्योरमेंट नियमावली 2024' को लागू करने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य पारदर्शिता, दक्षता और स्थानीय लोगों को कार्य देने की सीमा को ₹10 करोड़ तक बढ़ाना है। इससे पहले यह सीमा ₹5 करोड़ थी। इसके अतिरिक्त स्वयं सहायता समूहों और एमएसएमई को क्रय वरीयता देने की नीति को भी मंजूरी दी गई है।
मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी 2025
राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए मेगा इंडस्ट्रियल एंड इन्वेस्टमेंट पॉलिसी 2025 को मंजूरी दी गई। इस नीति में बड़े निवेशकों को चार श्रेणियों में बांटा गया है और उन्हें पूंजीगत सहायता, स्टांप ड्यूटी में छूट, और रोजगार सृजन के आधार पर प्रोत्साहन दिया जाएगा। नीति पांच वर्षों तक प्रभावी रहेगी।
योग नीति 2025
उत्तराखंड सरकार ने पहली बार 'योग नीति 2025' को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य राज्य को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी बनाना है। इसमें योग हब की स्थापना, योग शिक्षा, शोध प्रोत्साहन, अनुदान, और रोजगार सृजन जैसे लक्ष्य शामिल हैं। नीति के क्रियान्वयन पर अगले पांच वर्षों में ₹35 करोड़ खर्च होंगे।
अन्य प्रमुख निर्णय
- विष (कब्जा एवं विक्रय) नियमावली 2023 में मिथाईल एल्कोहॉल को विष की श्रेणी में शामिल किया गया।
- लेखा संवर्ग कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने का निर्णय लिया गया।
- राजकीय मेडिकल कॉलेजों के पास तीमारदारों के लिए विश्रामगृह बनाए जाएंगे।
- अटल आयुष्मान योजना और राज्य स्वास्थ्य योजना के लंबित भुगतान हेतु ₹75 करोड़ का लोन आवंटित।
- उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति 2024 में संशोधन और चाय विकास बोर्ड में 11 नए पदों की स्वीकृति दी गई।
- इन निर्णयों से राज्य में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, निवेश को बढ़ावा मिलेगा और शासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी।