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इंदौर, वाईबीएन डेस्क:इंदौर में मेट्रो परियोजना ने अब भूमिगत स्तर पर भी रफ्तार पकड़ ली है। शहर के पहले अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन का निर्माण कार्य एयरपोर्ट परिसर में शुरू कर दिया गया है। इस स्टेशन को दिल्ली मेट्रो की तर्ज पर डिजाइन किया जा रहा है और यह सीधे एयरपोर्ट से जुड़ा होगा। यात्रियों की सुविधा के लिए एयरपोर्ट और स्टेशन को एस्केलेटर के जरिए जोड़ा जाएगा, जिससे लगेज के साथ चलना आसान होगा।
इंदौर का पहला ऐसा स्टेशन होगा जो भूमिगत ट्रैक एलिवेटेड ट्रैक से जुड़ेगा
यह अंडरग्राउंड स्टेशन अन्य स्टेशनों की तुलना में आकार में बड़ा होगा, क्योंकि एयरपोर्ट से यात्रियों की अधिक आवाजाही को ध्यान में रखते हुए इसकी क्षमता अधिक रखी जा रही है। एयरपोर्ट के बाहर के हिस्से में बिजासन टेकरी तक यह स्टेशन बनाया जा रहा है। यह इंदौर का पहला ऐसा स्टेशन होगा, जहां भूमिगत ट्रैक एलिवेटेड ट्रैक से जुड़ेगा। मेट्रो का ट्रैक एयरपोर्ट से धीरे-धीरे ऊंचाई पकड़ते हुए एलिवेटेड रूट में तब्दील हो जाएगा। खुदाई का काम शुरू करने से पहले विमानतल प्रशासन से अनुमति लेकर ड्रोन सर्वे और अन्य तकनीकी परीक्षण किए गए थे। खुदाई के लिए भारी मशीनें तैनात कर दी गई हैं, और मिट्टी की गुणवत्ता की जांच भी की जा चुकी है। निर्माण कार्य पूरा होने में लगभग डेढ़ साल का समय लगने का अनुमान है।
‘बड़ा गणपति’ अंडरग्राउंड स्टेशन को भी जोड़ा जाएगा
एयरपोर्ट स्टेशन से ‘बड़ा गणपति’ अंडरग्राउंड स्टेशन को भी जोड़ा जाएगा। इसके अलावा नाथ मंदिर रोड से बड़ा गणपति तक भी अंडरग्राउंड लाइन बिछाई जानी है। हाईकोर्ट परिसर सहित अन्य स्थानों पर भी गहराई से खुदाई का काम जारी है। हालांकि शहर के मध्य हिस्से में आठ भूमिगत स्टेशनों के निर्माण का कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है। इनमें सबसे बड़ा स्टेशन रीगल तिराहे पर बनाया जाएगा, जो रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से भी जुड़ा रहेगा। इंदौर में कुल 31 किलोमीटर लंबे मेट्रो रूट का निर्माण हो रहा है। आने वाले वर्षों में इसे पीथमपुर और उज्जैन तक विस्तारित करने की योजना है, जिसके लिए जल्द ही सर्वे शुरू किया जाएगा। अगले साल तक लगभग 17 किलोमीटर तक मेट्रो का संचालन शुरू किए जाने की उम्मीद है।