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Sambhal violence में जांच तेज, जिलाधिकारी समेत 15 लोगों के बयान दर्ज

पिछले साल 24 नवंबर को संभल के शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा हो गई थी। भीड़ ने पुलिस पर पथराव के साथ फायरिंग भी की थी। इसमें कई लोग घायल हुए थे। कुछ लोगों की जान भी चली गई थी।

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Jyoti Yadav
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संभल,आईएएनएस

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उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के मामले में जांच कर रही न्यायिक जांच आयोग की टीम चौथी बार दो दिवसीय यात्रा पर शहर पहुंची। टीम ने 28 फरवरी और 1 मार्च को विभिन्न अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। संभल के जिला अधिकारी राजेंद्र पैंसिया ने मीडिया से कहा कि आयोग की टीम शनिवार, 1मार्च को कुल 15 लोगों के बयान दर्ज कर रही है। इससे पहले 28 फरवरी को आयोग ने 29 लोगों के बयान दर्ज किए थे। 

एडीएम के बयान भी दर्ज किए गए 

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डीएम राजेंद्र पैंसिया ने आयोग की प्रक्रिया के बारे में कहा, "जो लोग अपने बयान दर्ज कराना चाहते थे, उन्होंने अपने बयान दर्ज कराए। आज मेरे बयान के साथ-साथ एसडीएम वंदना मिश्रा के बयान भी दर्ज किए गए। 28 फरवरी को हमारे एडीएम के बयान भी दर्ज किए गए थे। इसके अतिरिक्त, चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के बयान भी आयोग के समक्ष प्रस्तुत किए गए।"

उन्होंने कहा कि जांच आयोग का मुख्य उद्देश्य मामले से जुड़ी सच्चाई का पता लगाना है और इसके तहत अधिकारियों के बयान महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। आयोग की टीम ने घटनाओं की सटीक जानकारी जुटाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं और मामले के सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।

24 नवंबर को संभल के शाही जामा मस्जिद में हुई थी हिंसा

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उल्लेखनीय है कि पिछले साल 24 नवंबर को संभल के शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा हो गई थी। भीड़ ने पुलिस पर पथराव के साथ फायरिंग भी की थी। इसमें कई लोग घायल हुए थे। कुछ लोगों की जान भी चली गई थी। इस दौरान हिंसा से जुड़े वीडियो के आधार पर कई गिरफ्तारियां भी की गई हैं। गिरफ्तार लोगों में कुछ महिलाएं भी शामिल हैं।

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