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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा है कि पिछली अप्रिय घटनाओं के आधार पर किसी धार्मिक आयोजन पर रोक नहीं लगाई जा सकती। अदालत ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वह जहांगीरपुरी में 12 अप्रैल को आयोजित होने वाली हनुमान जयंती शोभायात्रा की अनुमति के संबंध में याचिकाकर्ता के आवेदन पर समयबद्ध और निष्पक्ष निर्णय ले। यह आदेश न्यायमूर्ति सचिन दत्ता द्वारा उस याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया, जिसमें याचिकाकर्ता ने पुलिस द्वारा शोभायात्रा की अनुमति नहीं देने को चुनौती दी थी।
परंपरा नहीं रोकी जा सकती
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि सिर्फ इसलिए कि वर्ष 2022 में एक अप्रिय घटना घटी थी, यह उचित नहीं है कि उससे पूर्व की प्रचलित धार्मिक परंपराओं पर रोक लगा दी जाए। धार्मिक आयोजनों की अनुमति का निर्णय वर्तमान परिस्थिति के आधार पर लिया जाना चाहिए न कि केवल अतीत की घटनाओं के आधार पर। गौरतलब है कि 16 अप्रैल 2022 को जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के अवसर पर शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें आठ पुलिसकर्मी और एक आम नागरिक घायल हो गए थे। उस घटना के बाद से क्षेत्र को "संवेदनशील" मानते हुए पुलिस ने शोभायात्रा की अनुमति देने में सावधानी बरतना शुरू कर दिया था।