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रांची वाईबीएन डेस्क: झारखंड में शराब दुकानों के लिए आयोजित ई-लॉटरी प्रक्रिया अब पूरी हो चुकी है। इस बार लगभग सभी जिलों में 100% दुकानें आवंटित कर दी गई हैं। केवल धनबाद और गिरिडीह में कुछ दुकानों के खाली रहने की संभावना जताई गई है। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 8 अगस्त से शुरू हुई थी, जिसका अंतिम दिन 20 अगस्त तय था। अब 22 अगस्त को जिलास्तर पर आधिकारिक रिजल्ट घोषित किया जाएगा।
पारदर्शिता की नई मिसाल
उत्पाद विभाग और कमिश्नर की देखरेख में इस बार पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और सुविधाजनक रही। आवेदकों की मदद के लिए हेल्प डेस्क और पोर्टल बनाए गए, जहां विशेषकर आदिवासी महिलाओं और अशिक्षित लोगों को फॉर्म भरने और भुगतान करने में सहयोग दिया गया। विभाग का दावा है कि ई-लॉटरी ने एक नई मिसाल कायम की है।
शराब की कीमतों पर उठे सवाल
लॉटरी की सफलता के बावजूद शराब की कीमतें उपभोक्ताओं और व्यापारियों के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं। अधिकारियों ने दावा किया था कि झारखंड में शराब के रेट पड़ोसी राज्यों से ज्यादा नहीं होंगे और केवल 10-20 रुपये का अंतर रहेगा। लेकिन व्यापारियों का कहना है कि लोकप्रिय ब्रांड्स पर बोतल के हिसाब से 80 से 200 रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती है। इससे उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ेगा और अवैध शराब का बाजार मजबूत हो सकता है।
आपूर्ति और सुरक्षा की चुनौती
राज्य के सभी जिलों में दुकानों का आवंटन तो हो गया है, लेकिन गोदाम केवल आठ जिलों तक ही सीमित हैं। ऐसे में समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने पर सवाल उठ रहे हैं। विभाग ने नए गोदामों के लिए टेंडर जारी करने का आश्वासन दिया है, लेकिन शुरुआती दिनों में आपूर्ति में दिक्कतें आ सकती हैं। वहीं शराब व्यवसायी संघ ने सुरक्षा बढ़ाने और सीमावर्ती इलाकों में अवैध शराब पर रोक लगाने के लिए कमांड सेंटर और बॉर्डर बैरियर की मांग की है।
आने वाले दिनों की असली परीक्षा
ई-लॉटरी प्रक्रिया भले ही सफल रही हो, लेकिन अब असली परीक्षा सरकार और विभाग की है। शराब की कीमतों में पारदर्शिता, गोदाम और आपूर्ति की दिक्कतें दूर करने के साथ-साथ अवैध शराब रोकथाम पर ठोस कदम उठाना जरूरी होगा। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों को मुश्किलें झेलनी पड़ सकती हैं।