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भारत निर्वाचन आयोग ने 334 आरयूपीपी को सूची से हटाया

भारत निर्वाचन आयोग ने 334 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) को 6 वर्षों तक चुनाव में भाग न लेने और पंजीकरण संबंधी जानकारी अपडेट न करने के कारण सूची से हटा दिया है। यह कदम चुनावी प्रणाली को पारदर्शी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण

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MANISH JHA
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रांची, वाईबीएन डेस्क: भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के तहत पंजीकृत 334 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) को सूची से हटा दिया है। यह कार्रवाई उन दलों पर हुई है जो लगातार 6 वर्षों तक चुनाव में भाग नहीं ले रहे थे और पंजीकरण संबंधी अद्यतन जानकारी आयोग को नहीं दे रहे थे

6 साल चुनाव में हिस्सा न लेने पर कार्रवाई

ईसीआई के पंजीकरण दिशानिर्देशों के अनुसार, यदि कोई दल लगातार 6 वर्षों तक चुनाव में हिस्सा नहीं लेता, तो उसका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है। इस नियम के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने 345 RUPPs का सत्यापन किया।

कारण बताओ नोटिस और व्यक्तिगत सुनवाई

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जांच के दौरान सभी संबंधित दलों को कारण बताओ नोटिस भेजे गए और व्यक्तिगत सुनवाई के जरिए अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया। इसके बाद सीईओ की रिपोर्ट के आधार पर 334 दलों को हटाने का निर्णय लिया गया।

 11 मामलों में पुनः जांच जारी

कुल 345 में से 11 मामलों को पुनः सत्यापन के लिए वापस भेजा गया है। इन पर अंतिम निर्णय जांच पूरी होने के बाद लिया जाएगा। चुनावी प्रणाली को साफ करने की पहल ईसीआई के मुताबिक, यह कार्रवाई चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। इससे गैर-गतिशील और निष्क्रिय राजनीतिक दलों को सूची से हटाकर चुनावी प्रणाली को मजबूत किया जाएगा।

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लाभ से वंचित होंगे हटाए गए दल

अब हटाए गए 334 RUPPs जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 29बी और 29सी, आयकर अधिनियम, 1961 और चुनाव चिन्ह (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के तहत मिलने वाले किसी भी लाभ के पात्र नहीं होंगे। हालांकि, वे 30 दिनों के भीतर आयोग में अपील कर सकते हैं।

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