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मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, पुत्र धर्म और राजधर्म का कर रहे निर्वहन रांची/रामगढ़ वाईबीएन डेस्क : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन इन दिनों अपने पैतृक गांव नेमरा में रहकर एक साथ पुत्र धर्म और राजधर्म निभा रहे हैं। दिवंगत पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के श्राद्ध कर्म और स्थानीय परंपराओं का निर्वाह करते हुए भी वे राज्य के प्रशासनिक और विकास कार्यों में पूरी तरह सक्रिय हैं।
गांव के सादगीपूर्ण माहौल में भी जनसेवा प्राथमिकता
गांव के खुले आंगन और मिट्टी की सोंधी महक से घिरे इस सादगीपूर्ण वातावरण में रहकर भी मुख्यमंत्री ने जनसेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। वे लगातार विभिन्न विभागों से प्राप्त फाइलों और प्रस्तावों का अध्ययन कर निर्णय ले रहे हैं। अधिकारियों से फोन और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़कर जरूरी निर्देश दे रह
जनहित कार्यों में देरी या लापरवाही नहीं
मुख्यमंत्री ने साफ संदेश दिया है कि जनहित से जुड़े कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि योजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण हो। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक, जनता की समस्याओं के समाधान में संवेदनशीलता और तत्परता दिखाई जाए। व्यक्तिगत और प्रशासनिक जिम्मेदारियों का आदर्श संतुलन उनकी यह कार्यशैली यह दर्शाती है कि व्यक्तिगत जिम्मेदारियों के बीच भी प्रशासनिक दायित्वों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री का यह संतुलित दृष्टिकोण राजनीतिक और सामाजिक दोनों ही दृष्टियों से प्रेरणादायक है।