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रांची वाईबीएन डेस्क : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन अपनी धर्मपत्नी एवं विधायक कल्पना सोरेन संग मंगलवार को जमशेदपुर स्थित घोड़ाबांधा पहुंचे। यहां उन्होंने हाल ही में दिवंगत हुए पूर्व स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री रामदास सोरेन की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने शोकाकुल परिजनों से मुलाकात कर गहरी संवेदना प्रकट की और ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति तथा परिजनों को दुख सहने की शक्ति देने की कामना की।
दिशोम गुरु के बाद अपूरणीय क्षति
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के निधन के महज कुछ दिनों बाद ही रामदास सोरेन जी का जाना उनके लिए असहनीय पीड़ा है। उन्होंने कहा कि यह राज्य और उनके व्यक्तिगत जीवन दोनों के लिए अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई संभव नहीं है।
झारखंड आंदोलन में रहा योगदान
मुख्यमंत्री ने स्मृतिशेष मंत्री को याद करते हुए कहा कि उन्होंने संघर्ष के बल पर अपनी पहचान बनाई थी। दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नेतृत्व में झारखंड आंदोलन में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। वे आम जनता के दुःख-दर्द, परेशानियों और समस्याओं को दूर करने के लिए हमेशा तत्पर रहते थे।
शिक्षा के क्षेत्र में थी गहरी लगन
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री के रूप में रामदास सोरेन गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा दिलाने के लिए निरंतर प्रयासरत थे। सरकारी विद्यालयों की आधारभूत संरचना को मजबूत करने और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए वे लगातार कार्य कर रहे थे। विदित हो कि पूर्व मंत्री रामदास सोरेन का 15 अगस्त को नई दिल्ली स्थित एक अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था।