/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/09/devghar-jharkhand-2025-07-09-15-31-53.jpg)
देवघर श्रावणी मेला 2025 : 51 लाख कांवरियों के लिए प्रशासन की ऐतिहासिक तैयारी! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।श्रावणी मेला 2025 (Shravani Mela 2025) 11 जुलाई से 9 अगस्त तक देवघर में आयोजित होगा, जिसमें 51 लाख से ज़्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। पिछले साल 47 लाख भक्तों ने बाबाधाम में हाजिरी लगाई थी। प्रशासन ने भक्तों की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कई समीक्षा बैठकें की हैं।
श्रावणी मेला (Shravani Mela) हिंदू धर्म के सबसे पवित्र आयोजनों में से एक है, जो हर साल सावन के महीने में झारखंड के देवघर (Deoghar) में आयोजित होता है। यह लाखों शिव भक्तों (Lord Shiva Devotees) को आकर्षित करता है, जो सुल्तानगंज (Sultanganj) से गंगाजल लेकर 100 किलोमीटर से ज़्यादा की पैदल यात्रा कर बाबा बैद्यनाथ मंदिर (Baba Baidyanath Temple) तक पहुंचते हैं। यह यात्रा न केवल शारीरिक, बल्कि आध्यात्मिक दृढ़ता का भी प्रतीक है। क्या आप जानते हैं कि यह पैदल यात्रा कितनी चुनौतीपूर्ण हो सकती है?
इस साल, प्रशासन ने भक्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अभूतपूर्व तैयारियां की हैं। देवघर के उपायुक्त (DC Deoghar) नमन प्रियेश लकड़ा (Naman Priyesh Lakra) ने बताया कि उनकी प्राथमिकता सभी श्रद्धालुओं की सुविधा सुनिश्चित करना है। लेकिन क्या इन तैयारियों से भीड़ और चुनौतियों का सामना किया जा सकेगा?
VIDEO | Here's what Deoghar DC Naman Priyesh Lakra said on preparations for Shravani Mela 2025:
— Press Trust of India (@PTI_News) July 9, 2025
"Shravani Mela 2025 is scheduled to be held from July 11 to August 9. Last year, 47 lakh devotees visited. This year, we expect over 51 lakh devotees. Several review meetings have… pic.twitter.com/U1JpwLpTuC
भक्तों की बढ़ती संख्या: एक नई चुनौती
पिछले साल 47 लाख भक्तों ने श्रावणी मेले में हिस्सा लिया था, और इस साल यह संख्या 51 लाख से ऊपर जाने का अनुमान है। यह आंकड़ा न केवल प्रशासनिक चुनौतियों को बढ़ाता है, बल्कि सुरक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं के प्रबंधन को भी और जटिल बना देता है। कल्पना कीजिए, इतने सारे लोग एक साथ, एक ही समय पर एक छोटे से शहर में!
बढ़ती भीड़ का प्रबंधन: लाखों भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करना एक बड़ा काम है।
सुरक्षा व्यवस्था: किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम।
स्वास्थ्य सेवाएं: अचानक बिगड़ने वाली तबीयत या आपातकालीन स्थितियों के लिए चिकित्सा सुविधाएं।
सुरक्षा और सुविधा: प्रशासन की पहली प्राथमिकता
उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने बताया कि कई स्तरों पर समीक्षा बैठकें की गई हैं। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि हर भक्त को एक सुरक्षित और आरामदायक अनुभव मिल सके। सुरक्षा के लिहाज से, सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन निगरानी और पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की योजना बनाई गई है। हर साल की तरह, इस बार भी 'कांवरिया पथ' (Kanwariya Path) पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
पेयजल और शौचालय: यात्रा मार्ग और मंदिर परिसर में पर्याप्त पेयजल और स्वच्छ शौचालयों की व्यवस्था।
आराम गृह: लंबी यात्रा के बाद भक्तों के लिए अस्थायी आराम गृहों की स्थापना।
चिकित्सा शिविर: आपातकालीन चिकित्सा सहायता के लिए जगह-जगह चिकित्सा शिविर।
इन सब के बावजूद, क्या प्रशासन भक्तों की अपेक्षाओं पर खरा उतर पाएगा?
डिजिटल इंडिया का श्रावणी मेला पर असर
आज के डिजिटल युग में, सोशल मीडिया और ऑनलाइन जानकारी ने इस मेले की पहुंच को और भी बढ़ा दिया है। प्रशासन भी डिजिटल माध्यमों का उपयोग कर भक्तों को जानकारी प्रदान करने और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता पहुंचाने की योजना बना रहा है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि लाखों भक्त एक साथ अपनी यात्रा को डिजिटल रूप से साझा कर रहे हों?
ऑनलाइन पंजीकरण और हेल्पलाइन: भक्तों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण और 24x7 हेल्पलाइन सेवा।
सोशल मीडिया अपडेट्स: यात्रा मार्ग और भीड़ की स्थिति के बारे में नियमित अपडेट।
खोया-पाया केंद्र: बच्चों और बड़ों को खोजने के लिए डिजिटल सहायता।
स्वयंसेवकों की भूमिका: मानवता का प्रदर्शन
हर साल, हजारों स्वयंसेवक इस मेले को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे भक्तों को मार्गदर्शन देते हैं, पानी पिलाते हैं और उनकी हर संभव मदद करते हैं। यह मानवीय स्पर्श ही इस मेले को और भी खास बनाता है। स्वयंसेवकों के बिना क्या यह संभव है?
सेवा भाव: निस्वार्थ भाव से भक्तों की सेवा।
समन्वय: प्रशासन के साथ मिलकर काम करना।
प्रेरणा: दूसरों को भी सेवा के लिए प्रेरित करना।
यह नि:स्वार्थ सेवा कैसे मेले के अनुभव को बेहतर बनाती है?
श्रावणी मेला (Shravani Mela) केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी एक बड़ा अवसर है। छोटे दुकानदार, होटल मालिक, और रिक्शा चालक सभी इस दौरान अच्छी कमाई करते हैं। यह मेला देवघर और आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी पैदा करता है। इस आर्थिक प्रभाव को कितना बढ़ावा मिलेगा?
पर्यटन को बढ़ावा: देवघर को एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में पहचान।
स्थानीय उत्पादों की बिक्री: स्थानीय हस्तशिल्प और धार्मिक सामग्री की बिक्री।
रोजगार सृजन: अस्थायी और स्थायी रोजगार के अवसर।
यह मेला देवघर के लिए कितना महत्वपूर्ण है?
श्रावणी मेला 2025 (Shravani Mela 2025) सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि आस्था, समर्पण और मानवीय भावना का एक अद्भुत संगम है। देवघर प्रशासन भक्तों के लिए इसे यादगार बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। उम्मीद है कि यह मेला सभी भक्तों के लिए सुखद और सुरक्षित रहेगा।
Kanwar Mela 2025 | Kanwar Yatra | Jharkhand