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झरिया की पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह कानूनी पचड़े में, न्यायपालिका पर टिप्पणी को लेकर मुकदमा

झरिया की पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के खिलाफ अधिवक्ताओं ने धनबाद CJM कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि उन्होंने कैंडल मार्च के दौरान न्यायपालिका और न्यायाधीशों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की। वकीलों का कहना है कि यह न्यायपालिका की अवमानना है

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MANISH JHA
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रांची,धनबाद वाईबीएन डेस्क : झरिया की पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह पर न्यायपालिका और न्यायाधीश के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगा है। अधिवक्ता गजेन्द्र कुमार और वकार अहमद ने धनबाद के CJM कोर्ट में उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया है।

 विवादित बयान और अधिवक्ताओं की नाराज़गी

 आरोप है कि हाल ही में आयोजित कैंडल मार्च के दौरान पूर्णिमा सिंह ने न्यायपालिका को अन्यायपालिका कहा और न्यायाधीश के चश्मे का पावर बढ़ाने जैसी टिप्पणी की। वकीलों का कहना है कि यह बयान न केवल असंवेदनशील है, बल्कि न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला भी है। उनका कहना है कि किसी भी जनप्रतिनिधि को इस तरह सार्वजनिक मंच से टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। 

अधिवक्ताओं की चेतावनी

 अधिवक्ताओं ने साफ कहा है कि अगर किसी फैसले से असहमति है तो उसके लिए संवैधानिक प्रावधान मौजूद हैं—हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा सकती है। लेकिन न्यायाधीशों का अपमान करना अस्वीकार्य है। जब तक पूर्णिमा सिंह विवादित बयान वापस नहीं लेतीं, यह लड़ाई जारी रहेगी और जरूरत पड़ी तो मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी जाएगा।

पृष्ठभूमि और राजनीतिक हलचल

यह पूरा मामला उस कैंडल मार्च से जुड़ा है, जो 1 सितंबर को जिला परिषद मैदान से रणधीर वर्मा चौक तक निकाला गया था। यह मार्च पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या मामले में 27 अगस्त को अदालत के फैसले के विरोध में किया गया था। रणधीर वर्मा चौक पर दिए गए पूर्णिमा सिंह के बयान ने अब कानूनी और राजनीतिक दोनों ही हलकों में हलचल मचा दी है। समर्थक इसे भावनाओं की अभिव्यक्ति बता रहे हैं, वहीं अधिवक्ता समुदाय इसे न्यायालय की सीधी अवमानना मान रहा है। अब सबकी निगाहें अदालत के अगले कदम पर टिकी हैं।

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