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रांची, वाईबीएन डेस्क: राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने रविवार को ट्रॉमा सेंटर, रिम्स, रांची में आयोजित ‘NMO Conference – Jharkhand NMOCON 2025’ को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड प्राकृतिक संपदा और जनजातीय संस्कृति से समृद्ध है, लेकिन इन संभावनाओं को साकार करने में चिकित्सा समुदाय की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।
चिकित्सक मानवता की सेवा का प्रतीक
राज्यपाल ने कहा कि चिकित्सक को हमेशा ईश्वर का दूसरा रूप माना जाता है, क्योंकि मरीज और उनके परिजन उनमें आशा की किरण देखते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों ने जिस प्रकार से मानवता की सेवा की, वह अनुकरणीय है।
सम्मेलन का विषय और चुनौतियाँ
सम्मेलन का विषय “समान स्वास्थ्य सेवा के लिए नवाचार और सहयोग” बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने स्वीकार किया कि ग्रामीण व दुर्गम क्षेत्रों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाना अब भी एक बड़ी चुनौती है।
इलाज के लिए बाहर क्यों जाते हैं मरीज?
राज्यपाल ने कहा कि रिम्स जैसे राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि यदि उच्चस्तरीय उपचार यहीं उपलब्ध हो तो लोगों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। निजी अस्पतालों को भी और अधिक भरोसेमंद व सुलभ बनाना आवश्यक है।
सीएमसी वेल्लोर का उदाहरण
गंगवार ने कहा कि सीएमसी वेल्लोर जैसे अस्पतालों ने स्वास्थ्य सेवा के साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति दी है। झारखंड में भी ऐसे संस्थानों की स्थापना से राज्य की प्रगति को नया आयाम मिलेगा।
आयुष्मान भारत का लाभ सब तक पहुँचे
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा झारखंड से शुरू की गई ‘आयुष्मान भारत योजना’ का उल्लेख किया और कहा कि इसके लाभुकों को निजी अस्पतालों से कैशलेस सेवा सुनिश्चित होनी चाहिए। साथ ही राज्य सरकार के प्रत्येक कार्यालय और प्रतिष्ठान में कार्यरत कर्मचारियों तक हेल्थ कार्ड पहुँचाया जाना चाहिए, ताकि कोई भी व्यक्ति बेहतर इलाज से वंचित न रहे।