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रांची वाईबीएन डेस्क : दिल्ली में आज से जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक शुरू हो रही है। पहले दिन इसमें राज्यों के वित्त सचिव और वाणिज्यकर अधिकारी शामिल होंगे। तीन और चार सितंबर को वित्त मंत्रियों की बैठक होगी। झारखंड सरकार इस बैठक में केंद्र से जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान (ग्रांट) की मांग करेगी।
झारखंड की दलील :अति पिछड़ा और गरीब राज्य
राज्य सरकार का कहना है कि झारखंड अति पिछड़ा और गरीब राज्य है। यहां राजस्व संग्रहण सीमित है, जबकि खर्च लगातार बढ़ रहा है। जीएसटी लागू होने के बाद राज्य के हिस्से की आय में कमी आई है। ऐसे में राज्य को विकास कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं के लिए विशेष सहायता की आवश्यकता है।
वित्त मंत्री का बयान : झारखंड को हिस्सेदारी मिले, तभी विकसित भारत संभव
झारखंड के वित्त मंत्री ने स्पष्ट कहा कि राज्य की आर्थिक स्थिति कमजोर है। यहां प्रति व्यक्ति आय मात्र ₹1,05,274 है। जीएसटी एक डेस्टिनेशन आधारित कर है, जिसका फायदा उन राज्यों को मिलता है जहां उपभोक्ता अधिक हैं। गरीबी और कम उपभोग क्षमता के कारण झारखंड को पर्याप्त कर संग्रहण नहीं मिल पाता। मंत्री का कहना है कि जब तक केंद्र से हिस्सेदारी और क्षतिपूर्ति अनुदान नहीं मिलेगा, तब तक झारखंड का आर्थिक विकास मुश्किल रहेगा।
कर संग्रहण में असमानता
राज्य सरकार का मानना है कि जीएसटी का ढांचा अमीर और उपभोक्ता-बहुल राज्यों के पक्ष में है। झारखंड जैसे राज्यों के लिए मुआवज़े की व्यवस्था आवश्यक है, ताकि विकास योजनाओं में संतुलन बना रहे और ‘विकसित भारत’ का सपना साकार हो सके।