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राजभवन के समक्ष हाड़ी अधिकार महाधरणा, अमर बाउरी बोले - हाड़ी समाज चुप नहीं बैठेगा

अमर बाउरी ने कहा कि पहले हाड़ी समाज के लोगों को सफाईकर्मी की नौकरी सरकारी तंत्र में मिल जाती थी, लेकिन अब आउटसोर्सिंग सिस्टम ने इस अवसर को भी खत्म कर दिया है। टेंडर व्यवस्था के कारण युवा अब बेरोजगारी के गंभीर संकट से जूझ रहे हैं।

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MANISH JHA
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रांची वाईबीएन डेस्क : : राजधानी रांची स्थित राजभवन के समक्ष अखिल भारतीय हाड़ी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले एक दिवसीय हाड़ी अधिकार महाधरणा का आयोजन किया गया। इस धरने में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने हिस्सा लेते हुए कहा कि आज़ादी के इतने साल बाद भी हाड़ी समाज को न तो शिक्षा, न रोजगार और न ही सामाजिक प्रतिष्ठा मिल पाई है। उन्होंने कहा कि 21 अनुसूचित जातियों में सबसे ज़्यादा वंचित और शोषित समाज अगर कोई है, तो वह हाड़ी समाज है, जो अब अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर है। नौकरी छिनने और आउटसोर्स सिस्टम पर जताई नाराजगी अमर बाउरी ने कहा कि पहले हाड़ी समाज के लोगों को सफाईकर्मी की नौकरी सरकारी तंत्र में मिल जाती थी, लेकिन अब आउटसोर्सिंग सिस्टम ने इस अवसर को भी खत्म कर दिया है। टेंडर व्यवस्था के कारण युवा अब बेरोजगारी के गंभीर संकट से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार यदि जल्द हस्तक्षेप नहीं करती है, तो संघर्ष और तेज़ किया जाएगा। संविधानिक हकों के लिए 13 सूत्री मांगों के साथ जुटा समाज हाड़ी संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ध्रुव हरि ने कहा कि भारत लोकतांत्रिक देश है और यहां हर नागरिक को समान अधिकार मिलना चाहिए। लेकिन आज भी हाड़ी समाज के लोग गुलामों जैसी ज़िंदगी जीने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि समाज की 13 सूत्री मांगें सरकार तक पहुंचा दी गई हैं और अगर मांगों पर विचार नहीं हुआ, तो चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा।

नौकरी छिनने और आउटसोर्स सिस्टम पर जताई नाराजगी

अमर बाउरी ने कहा कि पहले हाड़ी समाज के लोगों को सफाईकर्मी की नौकरी सरकारी तंत्र में मिल जाती थी, लेकिन अब आउटसोर्सिंग सिस्टम ने इस अवसर को भी खत्म कर दिया है। टेंडर व्यवस्था के कारण युवा अब बेरोजगारी के गंभीर संकट से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार यदि जल्द हस्तक्षेप नहीं करती है, तो संघर्ष और तेज़ किया जाएगा।

संविधानिक हकों के लिए 13 सूत्री मांगों के साथ जुटा समाज

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हाड़ी संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ध्रुव हरि ने कहा कि भारत लोकतांत्रिक देश है और यहां हर नागरिक को समान अधिकार मिलना चाहिए। लेकिन आज भी हाड़ी समाज के लोग गुलामों जैसी ज़िंदगी जीने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि समाज की 13 सूत्री मांगें सरकार तक पहुंचा दी गई हैं और अगर मांगों पर विचार नहीं हुआ, तो चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा। jharkhand, demand,democracy, People, job, unemployment, outsourcing, struggle, bjp,goverment, Rights, 

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