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दुमका अदालत का फैसला : स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और पूर्व सांसद फुरकान अंसारी बाइज्जत बरी

दुमका की विशेष अदालत ने दस साल पुराने किरायेदारी विवाद मामले में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी, उनके पिता पूर्व सांसद फुरकान अंसारी और एक अन्य आरोपी को साक्ष्य के अभाव व समझौते के आधार पर बाइज्जत रिहा कर दिया। मंत्री ने इसे सत्य और न्याय की

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MANISH JHA
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रांची/दुमका वाईबीएन डेस्क : झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री और जामताड़ा से कांग्रेस विधायक डॉ. इरफान अंसारी, उनके पिता एवं पूर्व सांसद फुरकान अंसारी और एक अन्य आरोपी को दुमका की विशेष अदालत ने गुरुवार को बाइज्जत रिहा कर दिया। यह फैसला दस साल पुराने किरायेदारी विवाद से जुड़े मामले में सुनाया गया।

क्या है पूरा मामला

देवघर जिले के मधुपुर निवासी मोहम्मद मकबुल हुसैन ने 2015 में आरोप लगाया था कि किराए का मकान खाली कराने को लेकर विवाद हुआ। इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी, उनके पिता फुरकान अंसारी और सत्तार करम को आरोपी बनाया गया था। मामला पहले मधुपुर अदालत में चला और बाद में 2022 में इसे दुमका की एमपी-एमएलए विशेष अदालत में स्थानांतरित किया गया। 

अदालत का फैसला

अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सह सांसद-विधायक विशेष अदालत के न्यायाधीश मोहित चौधरी ने साक्ष्य के अभाव और आपसी समझौते के आधार पर आरोपियों को बरी कर दिया। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता मोहम्मद राजा खान ने बहस की। 

मंत्री की प्रतिक्रिया

फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा, हमें शुरू से ही न्यायपालिका पर भरोसा था। यह सत्य और न्याय की जीत है। मेरे पिता, जिन्होंने झारखंड अलग राज्य की लड़ाई में योगदान दिया, उन्हें भी इस केस में घसीटा गया। आज सच सामने आ गया है।” फैसले के बाद मंत्री और उनके समर्थकों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मिठाइयां बांटी।

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