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हजारीबाग/वाईबीएन डेस्क : हजारीबाग जिले के केरेडारी प्रखंड स्थित चट्टी बारियातू कोल खनन परियोजना को लेकर विवाद और तेज हो गया है। शनिवार को कांग्रेस विधायक दल का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचा।
पूर्व मंत्री की फैक्ट्री तोड़े जाने का आरोप
ग्रामीणों और स्थानीय नेताओं ने आरोप लगाया कि एनटीपीसी के अधीन कार्यरत एमडीओ कंपनी ऋत्विक एमआर ने बिना मुआवजा दिए जोरदाग स्थित पूर्व कृषि मंत्री योगेन्द्र साव की “लक्ष्मण सिरामिक” फैक्ट्री को ध्वस्त कर दिया। आरोप है कि इसमें चिमनी, भट्ठा, चारदीवारी और भवन को भी तोड़ डाला गया।
अवैध खनन और आंदोलन
ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी लगातार अवैध खनन और कोयला परिवहन कर रही है। इसका विरोध करते हुए जोरदाग पगार और चट्टी बारियातू के लोग आंदोलनरत रहे, जिसके कारण कई दिनों तक खनन और ट्रांसपोर्टिंग ठप पड़ा।
पुलिस-ग्रामीणों में भिड़ंत
तनाव उस समय बढ़ गया जब कोयला ढुलाई में लगे वाहन चालक और मालिक आंदोलनकारियों से भिड़ गए। दोनों ओर से मारपीट हुई और कई लोग घायल हो गए। इसके बाद पुलिस की बड़ी तैनाती की गई। ग्रामीणों का आरोप है कि सात थानों से पहुंचे लगभग 400 पुलिसकर्मियों ने बल प्रयोग कर ग्रामीणों की पिटाई की और छह लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। कोर्ट में पेशी के दौरान जज ने उनके जख्म देख कई पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का आदेश दिया, जिससे ग्रामीणों का आक्रोश और गहरा गया।
कांग्रेस जांच दल का निरीक्षण
कांग्रेस विधायक दल के उपनेता राजेश कच्छप, विधायक रामचन्द्र सिंह और सुरेश बैठा ने जोरदाग व चट्टी बारियातू पहुंचकर प्रभावित रैयतों और ग्रामीणों से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने जेल भेजे गए ग्रामीणों प्रमोद कुमार, दिलीप कुमार, मुकेश कुमार, जयनारायण कुमार और नारायण साव के परिजनों से मुलाकात की। साथ ही, उन्होंने उस 2.2 किमी लंबी सड़क का भी निरीक्षण किया, जिसे ग्रामीणों की रैयती जमीन पर बिना मुआवजा दिए बनाया गया है।
कांग्रेस का रुख
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने साफ कहा है कि बिना सहमति और मुआवजा दिए रैयतों की जमीन अधिग्रहण करना तथा ग्रामीणों पर पुलिसिया कार्रवाई अस्वीकार्य है। जांच दल शीघ्र ही अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कार्यालय को सौंपेगा। इसके बाद पार्टी इस मामले को लेकर राज्यव्यापी संघर्ष छेड़ सकती है।