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नेमरा/रामगढ़, रांची वाईबीएन डेस्क – मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन आज अपने पैतृक गांव नेमरा पहुंचे, जहाँ उन्होंने सादगीपूर्ण अंदाज में गलियों और पगडंडियों पर चलते हुए ग्रामीणों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि गांव की मिट्टी में खुशबू, हरियाली की ठंडक और झारखंड की आत्मा बसती है।
बेटे में झलकती पिता की परछाई
मुख्यमंत्री को लोग केवल नेता नहीं, बल्कि अपने पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन की विरासत का सजीव प्रतीक मानते हैं। ग्रामीण इलाकों के दौरे, गरीबों की समस्याओं को सुनना और जल-जंगल-ज़मीन की रक्षा के प्रयासों में गुरुजी की सोच साफ झलकती है। हेमन्त सोरेन ने कहा – "गुरुजी ने सिखाया कि राजनीति का अर्थ सत्ता नहीं, जनता की सेवा है।
जल-जंगल और ज़मीन से गहरा जुड़ाव
मुख्यमंत्री ने जल, जंगल और ज़मीन को राज्य की पहचान और अस्तित्व का आधार बताते हुए कहा कि सरकार इनके संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। यह केवल प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और समृद्ध झारखंड का संकल्प है।
बचपन की यादें और विकास का संकल्प
गांव में बिताए बचपन की यादों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि विकास तभी सार्थक है जब वह पर्यावरण और संस्कृति के साथ तालमेल बिठाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करना ही राज्य के सर्वांगीण विकास की नींव है।