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रांची, हजारीबाग वाईबीएन डेस्क : निलंबित IAS अधिकारी और हजारीबाग के पूर्व उपायुक्त विनय चौबे की जमानत याचिका पर अब सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। हजारीबाग ACB कोर्ट इस मामले में 16 सितंबर 2025 को अपना फैसला सुनाएगा। शुक्रवार को हुई सुनवाई में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं।
बचाव पक्ष और ACB में जोरदार बहस
कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता शंकर बनर्जी ने बहस की। उन्होंने चौबे की गिरफ्तारी और केस को लेकर कई तर्क रखे। दूसरी ओर ACB की ओर से विशेष लोक अभियोजक अभिषेक कृष्ण गुप्ता ने आरोपों को गंभीर बताते हुए जमानत का विरोध किया। बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
अगस्त में दर्ज हुई थी प्राथमिकी
IAS विनय चौबे के खिलाफ सेवायत भूमि घोटाले में अगस्त 2025 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में ACB ने कांड संख्या 9/2025 दर्ज किया। आरोप है कि हजारीबाग में सेवायत भूमि से संबंधित गड़बड़ी में उनकी संलिप्तता पाई गई। जांच एजेंसी का कहना है कि इस घोटाले में सरकारी पद का दुरुपयोग हुआ है, जबकि बचाव पक्ष इसे राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव का परिणाम बता रहा है।
पहले भी मिल चुकी है बेल
गौरतलब है कि इससे पहले विनय चौबे का नाम झारखंड शराब घोटाला मामले में भी सामने आया था। हालांकि, उस केस में चार्जशीट समय पर दाखिल न होने के कारण उन्हें अदालत से जमानत मिल गई थी। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि हजारीबाग ACB कोर्ट सेवायत भूमि घोटाले के इस ताजा मामले में क्या निर्णय लेता है।