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आईडीबीआई बैंक निजीकरण के विरोध में बिहार-झारखंड में कर्मचारियों की हड़ताल

आईडीबीआई बैंक के निजीकरण विरोध में बिहार और झारखंड में कर्मचारियों ने हड़ताल कर सरकार को चेताया। सॉवरेन गारंटी खत्म होने और सरकारी योजनाओं पर असर की आशंका जताई।

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MANISH JHA
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रांची,वाईबीएन डेस्क : आईडीबीआई बैंक के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ ऑल इंडिया आईडीबीआई ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIIDBIOA) के आह्वान पर सोमवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल हुई। बिहार और झारखंड के बैंक कर्मचारियों ने इसमें सक्रिय भागीदारी की। हड़ताल को एआईबीईए, एआईआईईए, जीआईईएआईए, एआईएलआईसीईएफ, एआईबीओए और बीईएफआई समेत कई यूनियनों ने समर्थन दिया। 

मेन रोड शाखा पर सुबह से जुटा हुजूम

रांची में आईडीबीआई बैंक की मेन रोड शाखा के सामने सुबह  से ही अधिकारी और यूनियन सदस्य बैनर-पोस्टर लेकर पहुंचने लगे। उन्होंने सरकार के निजीकरण फैसले को ‘जमाकर्ताओं के हितों के खिलाफ’ बताते हुए नारे लगाए और विरोध दर्ज कराया।

निजीकरण से खत्म होगी सॉवरेन गारंटी

कर्मचारियों ने बताया कि वर्तमान में आईडीबीआई बैंक में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 45% और एलआईसी की 49% है, जिससे जमाकर्ताओं को सॉवरेन गारंटी का लाभ मिलता है। निजीकरण होने पर यह गारंटी समाप्त हो जाएगी और डीआईसीजीसी कवर के तहत सिर्फ 5 लाख रुपये तक की जमा राशि ही सुरक्षित रहेगी।

सरकारी योजनाओं पर पड़ सकता है असर

 हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि निजीकरण के बाद किसान क्रेडिट कार्ड (KCC), जनधन खाता, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) जैसी सरकारी योजनाओं का संचालन बैंक के जरिए संभव नहीं होगा, जिससे ग्रामीण और आम जनता प्रभावित होगी।

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