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रांची,जमशेदपुर वाईबीएन डेस्क : पूर्वी सिंहभूम जिले की 28 छात्राओं को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा का दौरा करने का अवसर मिला। यह पहल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की प्रेरणा से जिला प्रशासन द्वारा आयोजित की गई थी। छात्राओं ने सबसे पहले मिशन कंट्रोल सेंटर का दौरा किया, जहां उन्होंने उपग्रह संचालन, रीयल-टाइम डाटा मॉनिटरिंग और नियंत्रण प्रणाली की कार्यप्रणाली को प्रत्यक्ष रूप से देखा। इसके बाद उन्होंने लॉन्च पैड कॉम्प्लेक्स का निरीक्षण किया और जाना कि रॉकेट को खड़ा करने, ईंधन भरने और उड़ान से पहले की तैयारियां कैसे की जाती हैं।
उपग्रह निर्माण और परीक्षण की मिली जानकारी
छात्राओं ने सैटेलाइट इंटीग्रेशन और टेस्टिंग फैसिलिटी का दौरा कर सीखा कि उपग्रह में किस प्रकार सेंसर, संचार उपकरण और सौर पैनल लगाए जाते हैं। विशेषज्ञ वैज्ञानिकों ने उन्हें बताया कि इन उपकरणों को अंतरिक्ष की कठोर परिस्थितियों में कैसे परखा जाता है। इस दौरान उन्हें भारत के प्रतिष्ठित अंतरिक्ष मिशनों जैसे चंद्रयान और गगनयान की उपलब्धियों और चुनौतियों से भी अवगत कराया गया।
आधुनिक तकनीकों का प्रत्यक्ष अनुभव
इसरो भ्रमण के बाद छात्राओं ने आरएमके ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के इंजीनियरिंग कॉलेज का दौरा किया। यहां उन्होंने सीएनसी मशीन, 3डी प्रिंटिंग और ऑटोमेशन तकनीक को कार्य करते हुए देखा। उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और रोबोटिक्स के प्रोटोटाइप भी दिखाए गए। विभागाध्यक्षों ने छात्राओं को इंजीनियरिंग शिक्षा, प्रोजेक्ट वर्क और करियर की संभावनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
आत्मविश्वास और विज्ञान के प्रति बढ़ी रुचि
इस अनूठे अनुभव पर उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि यह केवल एक भ्रमण नहीं, बल्कि छात्राओं के सपनों को पंख देने का अवसर है। अब तक किताबों में सीमित विज्ञान और तकनीक की दुनिया को उन्होंने करीब से देखा। इससे छात्राओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा और भविष्य में वे देश के वैज्ञानिक व तकनीकी विकास में अहम योगदान देंगी।
विभिन्न विद्यालयों से चयनित हुईं छात्राएं
इस शैक्षणिक यात्रा में जिले के कई सरकारी विद्यालयों की छात्राओं ने हिस्सा लिया। इनमें कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, आश्रम बालिका आवासीय विद्यालय, झारखंड बालिका आवसीय विद्यालय और सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस समेत अन्य विद्यालय शामिल रहे। छात्राओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस विशेष अवसर के लिए धन्यवाद दिया। उनके साथ कार्यपालक दंडाधिकारी मृत्युंजय कुमार, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा नेहा संजना खलखो और प्रशिक्षकों की एक टीम भी मौजूद रही।