/young-bharat-news/media/media_files/2025/08/28/1756389833137-2025-08-28-19-34-13.jpeg)
रांची वाईबीएन डेस्क : झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष और उनके समर्थक सरकार के कामों को रोकने के लिए कानून तक पहुँच जाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई संवैधानिक संस्थाएं उनकी जेब में हैं। सीएम ने स्पष्ट किया कि झारखंड सरकार अब पूरी मजबूती से काम करेगी और दलित, पिछड़ा, आदिवासी और किसानों के हित में निर्णय लिया जाएगा।
राज्य में जनता की सरकार
सीएम ने कहा कि झारखंड में जनता की सरकार है, जबकि कई अन्य राज्यों में विपक्ष की सरकार होने के बावजूद आदिवासियों और अल्पसंख्यकों की स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों पर कटाक्ष करते हुए लद्दाख का उदाहरण दिया। सोमन वांगचु को पदमश्री नहीं मिला और उनके कार्यों को नजरअंदाज किया गया। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार जनता के हित में हर संभव कदम उठाएगी।
नए संशोधन कानून और हिडन एजेंडा
हिमंत सोरेन ने नए संशोधन कानूनों को “हिडन एजेंडा” बताते हुए सवाल उठाया कि 30 दिन जेल में रहने पर पद क्यों जाएगा। उन्होंने कहा कि चुनावी प्रक्रिया में हर वोट की कीमत समान होती है। बिहार में लाखों वोट डिलीट किए गए और चुनाव आयोग या न्यायपालिका पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सीएम ने डबल स्टैंडर्ड और सतही दिखावे की भी आलोचना की।
सतही दिखावे और इवेंट मैनेजमेंट
सीएम ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इवेंट मैनेजमेंट के जरिए जनता को भ्रमित करती है। बिरसा मुंडा जयंती पर राष्ट्रपति को आमंत्रण रद्द करने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की घोषणाओं को जमीन पर लागू करने में देरी हो रही है। सीएम ने चेतावनी दी कि झारखंड सरकार किसी दबाव या अवरोध से पीछे नहीं हटेगी।