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रांची वाईबीएन डेस्क : झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र 22 अगस्त से शुरू होगा. इसमें सरकार और विपक्ष दोनों के लिए कई अहम मुद्दे हैं. अनुपूरक बजट पेश होने के साथ सत्ता पक्ष को विपक्ष के सवालों का भी सामना करना होगा. 22 अगस्त को वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट सदन के पटल पर रखा जाएगा, जिसमें लगभग 4 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान होने की संभावना है. सरकार विभिन्न विकास योजनाओं को गति देने के लिए अनुपूरक बजट का उपयोग करेगी. विपक्ष अनुपूरक बजट पर सवाल उठा सकता है और सरकार से जवाब मांग सकता है.
अनुपूरक बजट: सरकार की प्राथमिकता
अनुपूरक बजट में योजना मद में तीन हजार करोड़ और गैर योजना मद में एक हजार करोड़ का प्रावधान होने की संभावना है. सरकार इस बजट के माध्यम से विभिन्न विकास योजनाओं को गति देने की कोशिश करेगी. वहीं विपक्ष विधि व्यवस्था, अतिवृष्टि से हुए नुकसान, सरना धार्मिक कोड और ओबीसी आरक्षण जैसे मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेगा. सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है और जनहित के मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है.
सत्र में उठेंगे ये मुद्दे
विपक्ष बेरोजगारी, महंगाई, कानून-व्यवस्था, बिजली संकट और किसानों की समस्याओं जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है. सरकार भी विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है और जनहित के मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है.
विशेष पहचान रजिस्टर पर प्रस्ताव
विशेष पहचान रजिस्टर (एसआइआर) के खिलाफ झारखंड विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने की योजना भी चर्चा में है. प्रस्ताव का उद्देश्य विशेष पहचान रजिस्टर के खिलाफ झारखंड विधानसभा में एकजुटता दिखाना है.
मॉनसून सत्र में होंगे कुल चार कार्यदिवस
मॉनसून सत्र अब 22 अगस्त से 28 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा. इस सत्र में कुल चार कार्यदिवस होंगे. 23 और 24 अगस्त को शनिवार और रविवार होने के कारण सत्र नहीं चलेगा. विधानसभा सचिवालय द्वारा संशोधित तिथि जारी की गई है, इससे पहले मानसून सत्र पहले 1 अगस्त से 7 अगस्त तक निर्धारित किया गया था, लेकिन दिशोम गुरु और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन के कारण इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था.