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रांची,वाईबीएन डेस्क : झारखंड विधानसभा का चार दिवसीय मॉनसून सत्र जनता से जुड़े सवालों पर चर्चा के बजाय हंगामे की भेंट चढ़ गया। गुरुवार को भी कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक विश्वविद्यालय विधेयक और सूर्या हांसदा प्रकरण को लेकर भिड़ गए। नतीजतन, 235 सवालों का जवाब सदन में नहीं दिया जा सका।
प्रश्नकाल पूरी तरह ठप
सत्र के चौथे दिन 73 अल्पसूचित और 162 तारंकित प्रश्न सूचीबद्ध थे। ये सभी जनता की समस्याओं और विकास से जुड़े मुद्दों से संबंधित थे। लेकिन जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, पक्ष-विपक्ष के सदस्य वेल में उतर गए और नारेबाजी करने लगे। हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
स्पीकर ने जताई नाराजगी
स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने स्थिति पर असंतोष जताया और कहा कि यदि प्रश्नकाल का यही हाल रहा तो अगली बार से प्रश्न घटा दिए जाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि जब सवाल ही नहीं पूछे जाएंगे तो उनकी उपयोगिता पर भी सवाल खड़ा होगा।
एसआईआर प्रस्ताव केंद्र को भेजने की सिफारिश
संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि 26 अगस्त को सदन में एसआईआर (विशेष जांच रिपोर्ट) के खिलाफ प्रस्ताव पारित हुआ था। आसन के निर्देशानुसार यह स्वतः पारित माना जाएगा और अब इसे केंद्र को प्रेषित किया जाएगा।
जनता के मुद्दे अधर में
लगातार हंगामे से विधानसभा का कामकाज प्रभावित हो रहा है। विपक्ष और सत्ता पक्ष के टकराव के बीच जनता के अहम सवाल धरे के धरे रह गए। राजनीतिक टकराव के कारण सत्र का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाया और आम जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा अधर में अटक गई।