रांची, वाईबीएन डेस्क। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवरदास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरने के चिट्टी लिखकर जनजातीय समाज के हित में राज्य में यथाशीघ्र पेसा (पंचायत अधिनियम) कानून लागू किए जाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि पेसा कानून जनजातीय समाज का हक है। इसके लागू होने से सरना समाज की आदि परंपरा और सांस्कृतिक विरासत का सरंक्षण एवं संवर्धन होगा।
प्रारूप तैयार करने के लिए भाजपा सरकार ने काम किया
पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया एक्स पर अपना शेयर किया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1996 में अनुसूचित क्षेत्रों में स्वशासन की अवधारणा को साकार करने हेतु पंचायत(अनुसूचित क्षेत्रों क विस्तार) अधिनियम अर्थात पेसा कानून संसद द्वारा पारित किया गया। झारखंड में वर्ष 2024 से 19 तक भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार थी, इसी दौरान 2018 में मुख्यमंत्री के नाते पेसा नियमावली प्रारूप निर्माण की दिशा में कार्य प्रारंभ किया। 2019 में हेमंत सरकार बनने के बाद वर्ष 2023 में पेसा नियमावली का प्रारूप प्रकाशित किया।
हाईकोर्ट के निर्देश पर नियमवली को अधिसूचित नहीं किया
उन्होंने कहा कि झारखंड हाई कोर्च ने भी पेस नियमावली को अधिसूचित करने हेतु निर्देश दिय़ा था, किंतु समयवद्ध अधिसूचना जारी न होने के कारण जून 2024 में अवमानना याचिका दायर की गई। जिसमें राज्य केमुख्य सचिव का पक्षकार बनाया गया था। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखी चिट्ठी में उनका ध्यान आकर्षित किया है।
ऱघुवर दासने कहा कि यदि झाऱखंड में पेसा अधिनियम को पूरी तरह लागू किया जाता है तो ग्राम सभा में सरना जनजातीय समाज को परंपराओं तथ रूढियो, उनकी सांस्कृतिक पहचान और सामुदायिक साधनों को सरना को़ड े रूप में कानून रूप देने के प्रस्ताव को लागू किया जा सकेगा।