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रांची वाईबीएन डेस्क : झारखंड के मुख्य सचिव अलका तिवारी ने स्पष्ट कहा है कि 15वें वित्त आयोग द्वारा आवंटित स्वास्थ्य मद की राशि का 50 प्रतिशत उपयोग 15 अक्टूबर तक हर हाल में करना होगा। तभी केंद्र सरकार से 1020.27 करोड़ रुपये की बकाया राशि पर दावा किया जा सकेगा। उन्होंने यह निर्देश 1 सितंबर को मंत्रालय में उपायुक्तों के साथ ऑनलाइन बैठक के दौरान दिया।
मिशन मोड में काम और साप्ताहिक समीक्षा
मुख्य सचिव ने कहा कि उपायुक्त मिशन मोड में तेजी से कार्य करें और इसके लिए एक्शन प्लान तैयार करें। साथ ही हर सप्ताह कार्यों की समीक्षा करें ताकि प्रगति स्पष्ट दिख सके। उन्होंने कहा कि जहां स्वास्थ्य केंद्रों का भवन बन चुका है, वहां तत्काल आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराकर उन्हें चालू करें।
बने भवन का उपयोग सुनिश्चित करें
राज्य दौरे के क्रम में मुख्य सचिव ने कई जगह देखा कि भवन तैयार हो गया है लेकिन स्वास्थ्य सेवाएं शुरू नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा कि भवन का निर्माण तभी सार्थक है जब जनता को उसका लाभ मिले। उपायुक्तों को निर्देश दिया गया कि निर्माण पूर्ण भवनों में आवश्यक व्यवस्था कराते हुए उन्हें शीघ्र चालू करें और बकाया भुगतान के साथ डाटा अपडेट करें।
उपायुक्तों के तर्क और आश्वासन
बैठक में जब स्वास्थ्य मद की राशि कम खर्च होने का मुद्दा उठा, तो कुछ उपायुक्तों ने बारिश को विलंब का कारण बताया। हालांकि उन्होंने आश्वासन दिया कि 15 अक्टूबर तक 50% राशि का उपयोग पूरा कर लिया जाएगा।
चल रही परियोजनाएं और ढांचा विकास
15वें वित्त आयोग की राशि से राज्य में 1344.08 करोड़ रुपये की लागत से बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य सुविधाओं का निर्माण चल रहा है। इसमें एचएससी, पीएचसी, सीएचसी, बीपीएचयू, अरबन आयुष्मान आरोग्य मंदिर और पीएम-ABHIM जैसी योजनाएं शामिल हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में डायग्नोस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत किया जा रहा है।
अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह के निर्देश
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा कि निर्माण स्थल चयन में अंचलाधिकारियों का सहयोग लिया जाए। साथ ही आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के लाभुकों का KYC कार्य तेज गति से किया जाए। उन्होंने एचएससी, पीएचसी और सीएचसी के निर्माण कार्यों में लंबित भुगतान पूरा करने का निर्देश भी दिया।
भविष्य की योजनाएं
राज्य में और 168 नए स्वास्थ्य केंद्र स्थापित करने की योजना है, जिन्हें विशेषकर आदिम जनजाति और सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में खोला जाएगा। सभी उपायुक्तों को 15 दिनों में स्थान चिह्नित कर प्रस्ताव भेजने के लिए कहा गया है। इसके अतिरिक्त 948 पंचायतों में स्वास्थ्य उपकेंद्र बहाल किए जाने की योजना भी बनाई गई है।