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रांची वाईबीएन डेस्क : झारखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने की दिशा में केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने झारखंड के आग्रह पर राज्य के 6 जिलों—धनबाद, देवघर, खूंटी, गिरिडीह, जामताड़ा और पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर)—में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की स्थापना में सहयोग करने का आश्वासन दिया है। राज्य
सरकार की पहल
राज्य मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने 4 जुलाई को जेपी नड्डा को पत्र लिखकर झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए वित्तीय सहयोग की मांग की थी। इसके बाद अब केंद्र से सकारात्मक पहल का भरोसा मिला है। सुदिव्य कुमार ने इस सहयोग के लिए नड्डा को आभार जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के प्रयास कर रही है। इन नए मेडिकल कॉलेजों से राज्य के लोगों को गुणवत्तापूर्ण और उन्नत चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध होंगी।
झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की मौजूदा स्थिति
झारखंड सरकार के अनुसार वर्तमान में राज्य में 9 मेडिकल कॉलेज हैं (7 सरकारी और 2 निजी)। लेकिन 3.92 करोड़ की आबादी के हिसाब से यह संख्या काफी कम है। एनएमसी मानक: प्रति 10 लाख आबादी पर 1 मेडिकल कॉलेज होना चाहिए। इस आधार पर झारखंड को 39 मेडिकल कॉलेज की जरूरत है। बेड की उपलब्धता: प्रति 1000 लोगों पर 1.5 बेड होने चाहिए, लेकिन कई जिलों में राष्ट्रीय औसत से भी कम उपलब्ध हैं। डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात: झारखंड में 1000 की आबादी पर 0.18 डॉक्टर ही हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 0.96% है। हर साल करीब 1.20 लाख लोग इलाज के लिए राज्य से बाहर जाते हैं।
भविष्य की उम्मीद
विशेषज्ञों का मानना है कि नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहतर होगी बल्कि झारखंड के युवाओं के लिए चिकित्सा शिक्षा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।