/young-bharat-news/media/media_files/2025/08/26/1756205856248-2025-08-26-16-27-56.jpeg)
रांची वाईबीएन डेस्क । झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का तीसरा दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने जमकर नारेबाजी की, जिसके चलते प्रश्नकाल नहीं हो सका और जनता से जुड़े सवाल धरे के धरे रह गए।
सदन में गूंजे नारे और आरोप
बुधवार सुबह 11:07 बजे जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने हाथ में संविधान लेकर कहा कि वोट का अधिकार बाबा साहेब का दिया हुआ है, लेकिन सत्ता पक्ष ‘वोट चोरी’ कर तीसरे दरवाजे से गद्दी हथियाना चाहता है। इसके बाद सत्ता पक्ष की ओर से "वोट चोर गद्दी छोड़" और "एसआइआर वापस लो" के नारे गूंजने लगे। विपक्ष भी वेल में उतर आया और सूर्या हांसदा प्रकरण, अटल क्लीनिक, रिम्स-2 और राज्यपाल के अधिकारों में कटौती के मुद्दे पर जोरदार विरोध किया।
प्रदीप यादव और बाबूलाल मरांडी आमने-सामने
कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर प्रदीप यादव ने एसआइआर का मुद्दा दोहराया और कहा कि सरकार लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि आदिवासियों की खतियानी जमीन छीनी जा रही है और डेमोग्राफी बदलने की साजिश हो रही है। उन्होंने सूर्या हांसदा एनकाउंटर की सीबीआई जांच की मांग की।
संसदीय कार्यमंत्री का जवाब
इस पर संसदीय कार्यमंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि सरकार लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। लेकिन हंगामा शांत नहीं हुआ और कार्यवाही को फिर दोपहर दो बजे तक स्थगित करना पड़ा।
स्पीकर ने की पूरी कोशिश
स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने बार-बार सदन चलाने का प्रयास किया। उन्होंने विपक्ष और सत्ता पक्ष से अनुरोध किया कि प्रश्नकाल चलने दें, लेकिन दोनों पक्ष अपनी-अपनी मांगों पर अड़े रहे। नतीजा यह हुआ कि तीसरे दिन भी सदन की कार्यवाही ठप हो गई।