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रांची वाईबीएन डेस्क: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को प्रेसवार्ता कर झारखंड सरकार और विपक्षी दलों कांग्रेस, झामुमो, राजद पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि एसआईआर (Special Summary Revision) का विरोध केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए किया जा रहा है। इन दलों की मंशा राज्य में बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों को न सिर्फ बसाना है बल्कि उन्हें मतदाता सूची में शामिल करना भी है।
आदिवासी समाज पर खतरा
मरांडी ने कहा कि झारखंड की स्थिति अलार्मिंग है। खासतौर पर आदिवासी समाज पर सीधा खतरा है। कई रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमान आदिवासी महिलाओं से शादी कर मुखिया और जिला परिषद सदस्य तक बन चुके हैं। आने वाले समय में यही लोग सांसद और विधायक भी बनेंगे।
जनगणना और आबादी के आंकड़े
मरांडी ने कहा कि 1951 में झारखंड में आदिवासी आबादी 35.38% थी, जो 2011 में घटकर 26.20% रह गई। जबकि मुस्लिम आबादी 8.9% से बढ़कर 14.53% हो गई। सनातनियों की जनसंख्या भी 87.79% से घटकर 81.17% पर आ गई। उन्होंने इसे नेचुरल नहीं बल्कि कृत्रिम वृद्धि बताया और इसके पीछे बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ को कारण बताया।
मतदाता सूची में असामान्य वृद्धि
भाजपा अध्यक्ष ने 2019 से 2024 के बीच मतदाता वृद्धि के आंकड़े भी पेश किए। देशभर में वृद्धि 10.1% रही, जबकि झारखंड में 16.7% दर्ज की गई। मरांडी ने कहा कि यह चिंताजनक है और जांच की मांग की। उन्होंने कुछ उदाहरण भी दिए – सिमडेगा विधानसभा : 2019 में मुस्लिम मतदाता 9308 थे, 2024 में 16605 हो गए। वृद्धि 78.4% रही। जगन्नाथपुर विधानसभा : 2019 से 2024 के बीच मुस्लिम वोटरों में 52% वृद्धि, जबकि गैर-मुस्लिम में सिर्फ 13%।
फर्जी दस्तावेजों का जाल
मरांडी ने कहा कि कई इलाकों में जहां मुस्लिम परिवार नहीं थे, वहां भी सैकड़ों जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए। जांच में कई लोग पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से जुड़े पाए गए।
भाजपा की मांग
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने चुनाव आयोग से मांग की कि झारखंड के प्रत्येक मतदाता का सत्यापन किया जाए। फर्जी और विदेशी मतदाताओं को सूची से हटाया जाए ताकि लोकतंत्र सुरक्षित रह सके।