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रांची, वाईबीएन डेस्क: झारखंड में धार्मिक आयोजनों के दौरान डीजे बजाने को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने राज्य की कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि गणेशोत्सव पर हिंदुओं के खिलाफ सैकड़ों एफआईआर दर्ज की गईं, जबकि ईद-उल-नबी पर हजारों डीजे बेरोकटोक प्रशासन की मौजूदगी में बजते रहे।
निशिकांत दुबे का बयान
सांसद निशिकांत दुबे ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “झारखंड कांग्रेस के नेतृत्व में पूर्णतया इस्लामिक राज्य बन गया है। गणपति महोत्सव पर डीजे बजाने वाले हिंदू युवाओं पर कार्रवाई होती है, जबकि ईद-उल-नबी पर प्रशासन खुद सहयोग करता है। क्या यही धर्मनिरपेक्षता है?” उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। भाजपा समर्थक इसे दोहरे मापदंड बता रहे हैं, वहीं विपक्षी दल इसे राजनीतिक बयान करार दे रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश और नियम
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने ध्वनि प्रदूषण को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आदेश के अनुसार रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर और डीजे का उपयोग प्रतिबंधित है। यह नियम सभी धर्मों और पर्व-त्योहारों पर समान रूप से लागू होता है।*
राजनीति में नया विवाद
सांसद दुबे के बयान से झारखंड की राजनीति गरमा गई है। भाजपा इसे हिंदू त्योहारों के दमन का मामला बता रही है, जबकि विपक्ष का कहना है कि दुबे धार्मिक मुद्दों को भड़का कर राजनीति करना चाहते हैं। प्रशासन की ओर से अभी आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, , कार्रवाई केवल उन्हीं जगहों पर हुई जहां ध्वनि प्रदूषण की शिकायतें दर्ज की गईं।