Advertisment

JSSC CGL पेपर लीक विवाद: CID और FSL रिपोर्ट में बड़ा विरोधाभास

JSSC CGL पेपर लीक विवाद में CID और FSL की रिपोर्टों में विरोधाभास सामने आया है। CID का दावा है कि पेपर लीक नहीं हुआ, बल्कि लीक के नाम पर ठगी हुई है। वहीं FSL की रिपोर्ट में छात्रों के मोबाइल से परीक्षा से पहले की व्हाट्सएप चैट और आंसर की की तस्वीरें

author-image
MANISH JHA
1756552558002
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

रांची वाईबीएन डेस्क  : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की स्नातक स्तरीय (CGL) परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच को लेकर अब नया मोड़ आ गया है। एक ओर सीआईडी (CID) का दावा है कि परीक्षा में पेपर लीक के कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं और कथित पेपर लीक के नाम पर केवल ठगी की गई है, वहीं दूसरी ओर फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की रिपोर्ट में कई अहम तथ्य सामने आए हैं।

FSL ने चैट और फोटो को प्रमाणित किया

जांच के दौरान जिन छात्रों ने अपने मोबाइल CID को दिए थे, उनकी ऑफिशियल रिपोर्ट अब सामने आ चुकी है। FSL जांच में यह पुष्टि हुई है कि दो मोबाइल में परीक्षा से एक दिन पहले की व्हाट्सएप चैट प्रमाणिक है। इसके अलावा धनबाद स्थित कुमार बी.एड कॉलेज से जुड़े एक सबूत को भी रिपोर्ट ने सही ठहराया है। इसमें एक छात्र द्वारा परीक्षा शुरू होने से पहले आंसर की की कुछ फोटो खींचे जाने की बात सामने आई है। रिपोर्ट ने मोबाइल की लोकेशन, मेटाडाटा और समय की पुष्टि भी की है।

  मोबाइल की जांच में छेड़छाड़ नहीं

फॉरेंसिक रिपोर्ट ने यह भी साफ किया है कि जांच के लिए दिए गए 9 मोबाइल फोनों में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की गई थी। यही नहीं, JSSC के शपथपत्र में यह उल्लेख है कि मोबाइल से 153 आंसर मिले हैं, जिनमें से 60 का सीधा संबंध परीक्षा से था। 

हाईकोर्ट में सुनवाई जारी

 वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार, जो हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की याचिका पर पक्ष रख रहे हैं, का कहना है कि इन रिपोर्ट्स से साफ है कि मामला गंभीर है और पेपर लीक की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। वहीं CID लगातार यह दोहरा रही है कि "पेपर लीक नहीं, बल्कि लीक के नाम पर ठगी हुई है।"

Advertisment
Jharkhand Jharkhand High Court Paper leak news
Advertisment
Advertisment