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रांची,वाईबीएन डेस्क : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश की अध्यक्षता में प्रदेश मुख्यालय कांग्रेस भवन में क्रांति दिवस एवं विश्व आदिवासी दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस अवसर पर स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों को श्रद्धांजलि दी गई और आदिवासी समुदाय को शुभकामनाएं प्रेषित की गईं।
करो या मरो आंदोलन से मिली आजादी की निर्णायक दिशा
केशव महतो कमलेश ने कहा कि आज ही के दिन महात्मा गांधी ने करो या मरो का नारा दिया था, जिसने स्वतंत्रता संग्राम को नई ऊर्जा दी। इसके बाद आंदोलन ने जोर पकड़ा और देश की आजादी में यह निर्णायक साबित हुआ।
आदिवासी समाज – जल, जंगल, जमीन के रक्षक
कमलेश ने आदिवासी समाज की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि यह समुदाय सदियों से प्रकृति के साथ तालमेल में रहकर जल, जंगल और जमीन की रक्षा करता आ रहा है। 1994 में संयुक्त राष्ट्र ने उनकी विशिष्ट पहचान और अधिकारों की रक्षा के लिए विश्व आदिवासी दिवस घोषित किया।
भारत छोड़ो आंदोलन – आजादी की नींव
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन ने स्वतंत्रता की लड़ाई में मील का पत्थर साबित किया। इस आंदोलन में हर वर्ग ने हिस्सा लिया और आदिवासी समाज ने भी आजादी से लेकर झारखंड निर्माण तक अहम भूमिका निभाई।