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रांची वाईबीएन डेस्क : नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स-2 (RIMS-2) परियोजना को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने 24 अगस्त को इस जमीन पर हल जोत व रोपा रोपकर विरोध-प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
प्रशासन ने लागू की धारा 163
प्रशासन ने रिम्स-2 की जमीन और आसपास के क्षेत्रों में धारा 163 (पहले धारा 144) लागू कर दी है। इसके तहत पांच से अधिक लोगों की भीड़ पर रोक रहेगी। मीडिया प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी गई है। साथ ही पांच प्रमुख स्थानों पर बैरिकेडिंग कर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। शनिवार को कांके थाना और अंचल प्रशासन की टीम ने भूमि का निरीक्षण भी किया।
संघर्ष समिति का आंदोलन का ऐलान
नगड़ी जमीन बचाओ संघर्ष समिति ने 24 अगस्त को विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया है। समिति ने कहा कि हजारों की संख्या में आदिवासी ग्रामीण हल, बैल और ट्रैक्टर के साथ खेत में उतरेंगे और "हल जोतो, रोप रोपो" कार्यक्रम करेंगे। यह आंदोलन जबरन भूमि अधिग्रहण के विरोध में होगा।
227 एकड़ भूमि को लेकर विवाद
आदिवासी संगठनों ने आरोप लगाया है कि सरकार 227 एकड़ उपजाऊ कृषि भूमि को बंजर घोषित कर उस पर रिम्स-2 का निर्माण करना चाहती है। उनका कहना है कि यह जमीन किसानों की पुरखौती (पैतृक) संपत्ति है और अगर यह हाथ से निकल गई, तो सैकड़ों आदिवासी परिवार अपनी आजीविका से वंचित हो जाएंगे।
विकास बनाम आजीविका की जंग
जहां प्रशासन इसे विकास और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार का बड़ा कदम बता रहा है, वहीं आदिवासी ग्रामीण इसे अपनी पैतृक जमीन बचाने की लड़ाई मान रहे हैं। 24 अगस्त को होने वाला यह प्रदर्शन नगड़ी में बड़ा जनआंदोलन बन सकता है।