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नक्सली कमांडर अरुण उर्फ वरुण का हुआ खात्मा! प्रोफाइल जानकर दंग रह जाएंगे

झारखंड के चाईबासा में सुरक्षाबलों ने बड़ी सफलता हासिल की है। मुठभेड़ में कुख्यात नक्सली कमांडर अरुण उर्फ वरुण उर्फ नीलेश मड़काम मारा गया। यह छत्तीसगढ़ के सुकमा का निवासी था और उसके खिलाफ कई संगीन मामले दर्ज थे।

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Ajit Kumar Pandey
नक्सली कमांडर अरुण उर्फ वरुण का हुआ खात्मा! प्रोफाइल जानकर दंग रह जाएंगे | यंग भारत न्यूज

नक्सली कमांडर अरुण उर्फ वरुण का हुआ खात्मा! प्रोफाइल जानकर दंग रह जाएंगे | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । झारखंड के चाईबासा में पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए कुख्यात नक्सली कमांडर अरुण उर्फ वरुण उर्फ नीलेश मड़काम को मार गिराया है। यह ऑपरेशन 13 अगस्त 2025 को गोईलकेरा थाना क्षेत्र में हुआ। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का निवासी अरुण, भाकपा (माओवादी) संगठन का एरिया कमांडर था। उसकी मौत से नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई को एक बड़ी जीत मिली है।

पुलिस को सूचना मिली थी कि नक्सली कमांडर अरुण स्वतंत्रता दिवस पर कोल्हान क्षेत्र में कुछ बड़ी घटनाओं को अंजाम देने की योजना बना रहा है। इस इनपुट के आधार पर झारखंड पुलिस, कोबरा 209 BN और झारखंड जगुआर की एक संयुक्त टीम ने गोईलकेरा थाना क्षेत्र के आसपास सर्च ऑपरेशन शुरू किया।

गोईलकेरा-तुमबाहाका-पहाड़ी क्षेत्र में छिपे नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को देखते ही गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें एक नक्सली मारा गया। उसके शव को बरामद करने के बाद उसकी पहचान भाकपा (माओवादी) संगठन के एरिया कमांडर अरुण उर्फ वरुण उर्फ नीलेश मड़काम के रूप में हुई।

बरामदगी और अपराधिक इतिहास: क्या था अरुण का प्रोफाइल?

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मौके से पुलिस ने एक एसएलआर राइफल, कारतूस और कुछ अन्य दैनिक उपयोग की चीजें भी बरामद की हैं। मृत नक्सली कमांडर अरुण का अपराधिक इतिहास बेहद लंबा है। उसके खिलाफ छत्तीसगढ़ और झारखंड में कई गंभीर मामले दर्ज थे। उसके खिलाफ गोईलकेरा, डोनडो और सोंनुवा थानों में हत्या, अपहरण, आर्म्स एक्ट और यूएपीए जैसी धाराओं के तहत मुकदमे चल रहे थे। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशानिर्देशों के तहत, इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी जीत

नक्सली कमांडर अरुण उर्फ वरुण की मौत को नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी जीत माना जा रहा है। यह ऑपरेशन झारखंड पुलिस, कोबरा और जगुआर के बीच बेहतरीन तालमेल का नतीजा है। अरुण की मौत से संगठन को एक बड़ा झटका लगा है और आने वाले समय में नक्सली गतिविधियों में कमी आने की उम्मीद है। इस ऑपरेशन में शामिल पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की भी घोषणा की गई है।

नक्सल विरोधी अभियान अब भी जारी है। सुरक्षाबल लगातार इन इलाकों में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं ताकि बचे हुए नक्सलियों को पकड़ा जा सके। यह घटना दर्शाती है कि सुरक्षाबल पूरी तरह से सतर्क हैं और देश की सुरक्षा के लिए किसी भी चुनौती का सामना करने को तैयार हैं। सुकमा के इस नक्सली कमांडर की मौत एक सबक है कि कानून से कोई बच नहीं सकता।

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