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रांची, वाईबीएन डेस्क: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने बुधवार को अपने पैतृक गांव नेमरा में ग्रामीणों के साथ पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठानों जैसे तीन नहान, दस कर्म और श्राद्ध कर्म को लेकर विस्तृत चर्चा की। यह संवाद दिवंगत दिशोम गुरु व पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार उपरांत होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों की रूपरेखा को लेकर आयोजित किया गया।
दस कर्म व श्राद्ध की तैयारियों पर स्थानीय रीति-रिवाजों के आधार पर विचार-विमर्श
मुख्यमंत्री ने स्थानीय रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक मान्यताओं के अनुरूप कार्यक्रम तैयार करने के लिए ग्रामीणों से विचार सुने। ग्रामीणों ने परंपराओं के साथ गुरुजी के सामाजिक योगदानों को भी साझा किया। मुख्यमंत्री ने दस कर्म की तैयारियों की समीक्षा की और भावुक माहौल में सभी से गुरुजी की शिक्षाओं पर चलने की अपील की।
गांववासियों ने साझा किए गुरुजी के संस्मरण, जननायक को दी श्रद्धांजलि
इस दौरान ग्रामवासियों ने दिवंगत शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके जीवन से जुड़ी स्मृतियां साझा कीं। उन्होंने कहा कि गुरुजी का जीवन जनसेवा, आदिवासी संस्कृति और लोक परंपराओं के प्रति समर्पित था। बैठक केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह सांस्कृतिक एकता और सामूहिक सम्मान का भी प्रतीक बनी।
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