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रांची वाईबीएन डेस्क : झारखंड के पलामू जिले में हुई पुलिस और उग्रवादियों की मुठभेड़, जिसमें दो जवान शहीद हो गए थे, अब सवालों के घेरे में है। मुठभेड़ के बाद उग्रवादी संगठन ने आधिकारिक बयान जारी कर इस घटना में अपनी संलिप्तता से साफ इंकार कर दिया है।
पुलिस की भूमिका पर संदेह
उग्रवादियों के बयान के बाद इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर संदेह जताया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर भी इस घटना को लेकर कई तरह की चर्चाएं तेज हैं। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर मुठभेड़ की सच्चाई क्या है और किन हालात में जवान शहीद हुए।
न्यायिक जांच की मांग
झारखंड सरकार से मांग की जा रही है कि इस मामले में उच्च न्यायालय के वर्तमान माननीय न्यायाधीश की अध्यक्षता में विशेष जांच कमेटी गठित की जाए। ताकि मुठभेड़ की सच्चाई सामने आ सके और दोषियों की जिम्मेदारी तय हो सके।
सरकार पर दबाव
जवानों की शहादत के बाद लगातार विपक्ष और सामाजिक संगठन सरकार से पारदर्शी जांच की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक निष्पक्ष जांच नहीं होगी, तब तक पुलिस की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल शांत नहीं होंगे। जल्द से जल्द सरकार इसका निराकरण करें