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रांची में शिक्षक दिवस पर विरोध प्रदर्शन, डीएसई आदेश के खिलाफ आवाज बुलंद

रांची में शिक्षक दिवस पर हजारों शिक्षक सड़कों पर उतरे और डीएसई बादल राज के आदेश की प्रतियां जलाकर विरोध किया। आदेश के तहत वेतनवृद्धि के लिए शपथ पत्र लेना अनिवार्य किया गया है। शिक्षकों ने इसे अपमानजनक बताया और चेतावनी दी कि आदेश वापस नहीं होने पर आंदोलन

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MANISH JHA
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रांची वाईबीएन डेस्क : राजधानी रांची में जहां एक ओर शिक्षक दिवस पर सम्मान समारोह आयोजित हो रहा था, वहीं दूसरी ओर हजारों प्राथमिक और मध्य विद्यालय शिक्षक अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतर आए। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ (रांची इकाई) के आह्वान पर निकले इस जुलूस में शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) बादल राज के आदेश की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज किया।

आदेश को बताया अव्यावहारिक

शिक्षकों ने कहा कि डीएसई रांची का आदेश न केवल अव्यावहारिक है बल्कि अपमानजनक भी है। आदेश के अनुसार शिक्षकों को वार्षिक वेतनवृद्धि के लिए प्रथम श्रेणी दंडाधिकारी से शपथ पत्र लेना अनिवार्य किया गया है। संघ का आरोप है कि राज्य के अन्य 23 जिलों में जुलाई माह में ही वेतनवृद्धि दी जा चुकी है, लेकिन राजधानी रांची के करीब तीन हजार शिक्षक इससे वंचित हैं। 

नेताओं का बयान और चेतावनी

प्रदर्शन के दौरान संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनूप केशरी, मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद और जिला अध्यक्ष सलीम सहाय ने कहा कि यह आदेश शिक्षकों का अपमान करता है और उनकी कार्यक्षमता पर प्रतिकूल असर डालता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आदेश वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन और तेज होगा।

बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल

इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिला और पुरुष शिक्षक शामिल हुए। नेताओं का कहना था कि शिक्षक दिवस के दिन विरोध करना उनकी मजबूरी थी क्योंकि सरकार और अफसरशाही उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही।

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