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रांची वाईबीएन डेस्क : रांची इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइकेट्री एंड एलाइड साइंसेज (रिनपास) ने गुरुवार को अपने स्थापना के 100 वर्ष पूरे किए। इस मौके पर आयोजित शताब्दी समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बहुत जल्द रिनपास को बदलते कलेवर में देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि रिनपास की समीक्षा कर इसकी जरूरतों को पूरा किया जाएगा और बच्चों के एडमिशन से जुड़ी समस्याओं को भी दूर किया जाएगा।
टेलीमेडिसीन सेवा और डाक टिकट का शुभारंभ
कार्यक्रम के दौरान रिनपास में टेलीमेडिसीन सेवा का शुभारंभ किया गया, जिसके माध्यम से अब गांव-गांव और पंचायत स्तर तक मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचेंगी। साथ ही संस्थान के 100 वर्षों की यात्रा पर आधारित डॉक्यूमेंट्री, मानसिक स्वास्थ्य पर चार पुस्तकें और डाक टिकट का विमोचन भी किया गया।
हेमंत सोरेन ने जताई संस्थान की अहमियत
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1925 में जब इसकी स्थापना हुई थी, तब भी मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सोच बहुत दूरगामी रही होगी। आज के दौर में मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर चुनौती है और रिनपास जैसे संस्थान की आवश्यकता लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि कई बार लोग यहां अपने परिजनों को छोड़ जाते हैं, इसे बदलने के लिए अवेयरनेस कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
रिनपास के लिए नई बिल्डिंग और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का वादा
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने घोषणा की कि रिनपास की पुरानी बिल्डिंग को ध्वस्त कर नयी बिल्डिंग बनाई जाएगी। रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि संस्थान को विश्वस्तरीय बनाना होगा। वहीं रिनपास के निदेशक डॉ. अमूल रंजन सिंह ने कहा कि यहां मरीजों को मुफ्त इलाज और दवाएं दी जाती हैं। अब लक्ष्य रिनपास को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने का है।
सम्मान और सहभागिता
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रिनपास के पूर्व निदेशकों, सुपरिटेंडेंट और फैकल्टी मेंबर को सम्मानित किया। कार्यक्रम में कांके विधायक सुरेश बैठा, खिजरी विधायक राजेश कच्छप, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय, निमहांस बेंगलुरु की डायरेक्टर और कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।