Advertisment

स्मृति शेष दिशोम गुरु शिबू सोरेन की अस्थियां दामोदर नदी में विसर्जित

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अपने पिता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की अस्थियां रजरप्पा स्थित दामोदर नदी घाट में ग्रामीण परंपरा के अनुसार विसर्जित कीं। इस दौरान परिवार और गांववासी उपस्थित रहे।

author-image
MANISH JHA
20250817_141845_0000
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

रांची वाईबीएन डेस्क : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं दिशोम गुरु शिबू सोरेन की अस्थियां रविवार को रजरप्पा स्थित दामोदर नदी घाट में पूरे पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ विसर्जित की गईं। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन स्वयं अस्थि-कलश लेकर पैतृक गांव नेमरा से रजरप्पा पहुंचे और नम आंखों से पिता की अस्थियों को दामोदर की धारा में प्रवाहित किया।

 ग्रामीण परंपरा के अनुरूप विधि-विधान

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने स्थानीय पाहन की मौजूदगी में पारंपरिक आदिवासी रीति-रिवाज का पालन करते हुए पिता शिबू सोरेन की अस्थियां विसर्जित कीं। इस दौरान उनके छोटे भाई एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक बसंत सोरेन सहित अन्य परिजन और नेमरा गांववासी भी मौजूद रहे। पूरे माहौल में भावनात्मक दृश्य देखने को मिला।

मुख्यमंत्री की भावुकता

जब अस्थियां विसर्जित की जा रही थीं, उस वक्त मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की आंखों में पिता को खोने का दर्द साफ झलक रहा था। उन्होंने भावुक मन से अस्थियां प्रवाहित कीं और गुरुजी के सपनों को पूरा करने का संकल्प दोहराया।

जनभावनाओं से जुड़ा क्षण

ग्रामीण परंपराओं और झारखंड की आदिवासी सांस्कृतिक धरोहर को ध्यान में रखते हुए हुए यह पूरा कार्यक्रम किया गया। स्थानीय लोगों का कहना था कि यह क्षण न सिर्फ परिवार के लिए बल्कि पूरे राज्य के लिए भावनात्मक और ऐतिहासिक रहा, क्योंकि शिबू सोरेन झारखंड आंदोलन और आदिवासी पहचान के सबसे बड़े प्रतीक माने जाते हैं।

Jharkhand JMM Shibu Soren
Advertisment
Advertisment