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रांची वाईबीएन डेस्क : स्मृति शेष दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के पारंपरिक श्राद्ध कर्म का आज सातवां दिन है। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने अपने परिजनों के साथ नेमरा गांव में "सात कर्म" का पारंपरिक विधान पूरा किया। यह आयोजन दिवंगत आत्मा की शांति और गुरुजी के प्रति श्रद्धा का प्रतीक रहा।
पैतृक गांव से राज्य संचालन
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन इन दिनों अपने पैतृक गांव नेमरा से ही राज्य के कार्यों का संचालन कर रहे हैं। वे न केवल एक बेटे के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं, बल्कि गुरुजी की स्मृतियों के बीच रहकर भी राजकाज की जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा और तत्परता से निभा रहे हैं।
गुरुजी की विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प
दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी झारखंड के जननायक रहे हैं, जिन्होंने राज्य के हक और अधिकार के लिए जीवनभर संघर्ष किया। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इस अवसर पर उनकी आदर्शों और संघर्ष की राह पर चलने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि गुरुजी का सपना सशक्त, खुशहाल और आत्मनिर्भर झारखंड बनाना था, जिसे वे आगे भी पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। लगातार समाजसेवी से लेकर दूसरे राज्य के मंत्री नेता मिलने आ रहे हैं हेमंत सोरेन से और उनको सान्तवना दे रहे है,