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डीजीपी नियुक्ति मामले को रिट याचिका के रूप में सुनेगा सुप्रीम कोर्ट : अजय साह

सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड में डीजीपी नियुक्ति को लेकर बाबूलाल मरांडी की जनहित याचिका (PIL) को रिट याचिका में बदल दिया है। अदालत ने कहा कि यह मामला जनहित के दायरे में नहीं आता और तीन हफ्ते बाद सुनवाई होगी।

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MANISH JHA
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रांची, वाईबीएन डेस्क : भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने झारखंड में डीजीपी नियुक्ति मामले पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अदालत ने भाजपा विधायक बाबूलाल मरांडी द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि यह मामला जनहित याचिका के दायरे में नहीं आता। सुप्रीम कोर्ट ने मरांडी को स्वतंत्रता के साथ अपनी PIL वापस लेने की अनुमति दी और सुझाव दिया कि वे इस मुद्दे पर उपलब्ध अन्य वैधानिक उपायों का अनुसरण करें।

 जनहित याचिका नहीं, संवैधानिक उपाय का मामला

अजय साह ने बताया कि अदालत का मानना था कि डीजीपी नियुक्ति और चयन प्रक्रिया से जुड़ा मामला व्यक्तिगत एवं संवैधानिक अधिकारों से संबंधित है, जिसे जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती नहीं दी जा सकती। इसके बजाय, इस पर रिट याचिका के जरिए सुनवाई करना ही उपयुक्त होगा।

रिट याचिका पर होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने बाबूलाल मरांडी द्वारा झारखंड उच्च न्यायालय में दायर रिट याचिका को सुनवाई योग्य मानते हुए इसे सीधे तौर पर रिट याचिका के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया। यह याचिका राज्य में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति और चयन प्रक्रिया को चुनौती देती है।

तीन हफ्ते बाद अगली तारीख  

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद तय की है। उन्होंने विश्वास जताया कि अदालत का निर्णय झारखंड में प्रशासनिक पारदर्शिता और संवैधानिक व्यवस्था को मजबूती देगा।

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