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रांची, वाईबीएन डेस्क: झारखंड सरकार में पूर्व मंत्री रहे आलमगीर आलम ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है। वह टेंडर घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद हैं। इससे पहले 11 जुलाई को झारखंड हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उन पर लगे आरोप गंभीर हैं और जांच एजेंसी के पास मजबूत साक्ष्य मौजूद हैं।
32.30 करोड़ कैश बरामदगी बनी गिरफ्तारी की बड़ी वजह
यह मामला करोड़ों रुपये के टेंडर घोटाले से जुड़ा है, जिसमें आलमगीर आलम की भूमिका की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रही है। 15 मई 2024 को ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी से पहले उनके निजी सचिव संजीव कुमार लाल और घरेलू सहायक जहांगीर आलम के रांची स्थित ठिकानों पर छापेमारी हुई थी, जिसमें 32.30 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए थे। यह बरामदगी राज्यभर में चर्चा का विषय बन गई थी। ईडी का दावा है कि बरामद नकदी टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के जरिए अर्जित की गई थी, जिसे वैध दिखाने की कोशिश की जा रही थी। पूछताछ और सबूतों के आधार पर आलम को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया।
हाईकोर्ट से मिली निराशा के बाद अब सुप्रीम कोर्ट की शरण
हाईकोर्ट से राहत न मिलने के बाद अब आलमगीर आलम ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जहां उम्मीद है कि याचिका पर जल्द सुनवाई की तारीख तय की जाएगी। Jharkhand, money,laundry,alamgir,alalam,tender,courption, ED,suprim,court, eligation,