/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/16/jharkhand-naxali-2025-07-16-13-29-27.jpg)
झारखंड में सुरक्षाबलों से मुठभेड़, एनकाउंटर में मारा गया नक्सली कमांडर | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।आज की बड़ी खबर झारखंड के बोकारो जिले से है, जहां सुरक्षाबलों ने एक बड़े नक्सली कमांडर को मार गिराया है। यह ऑपरेशन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 209 कोबरा यूनिट और झारखंड पुलिस ने मिलकर किया। इस मुठभेड़ में AK-47 राइफल भी बरामद हुई है, जो इस बात का सबूत है कि सुरक्षाबलों ने कितनी बहादुरी से काम लिया है।
आज बुधवार 16 जुलाई 2025 को झारखंड के बोकारो जिले के घने जंगलों में सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस ऑपरेशन में कुख्यात नक्सली उप-जोनल कमांडर कुंवर मांझी उर्फ सहदेव मांझी उर्फ सादे को मार गिराया गया। यह मुठभेड़ सुबह करीब 6:30 बजे हुई, जब सुरक्षाबल इलाके में गश्त कर रहे थे। इस सफलता ने झारखंड में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला दिया है।
सीआरपीएफ की 209 कोबरा यूनिट और झारखंड पुलिस को बोकारो के जंगल में नक्सली कमांडर कुंवर मांझी की मौजूदगी की गुप्त सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही, सुरक्षाबलों ने तुरंत एक संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया। घना जंगल और दुर्गम इलाका होने के बावजूद, जवानों ने अपनी जान जोखिम में डालकर नक्सलियों के ठिकाने को घेरा। जैसे ही सुरक्षाबल करीब पहुंचे, नक्सलियों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी।
सुरक्षाबलों ने भी तुरंत जवाबी कार्रवाई की। दोनों ओर से भीषण गोलीबारी हुई। कुछ देर चली मुठभेड़ के बाद, फायरिंग शांत हो गई। तलाशी अभियान के दौरान, सुरक्षाबलों ने एक नक्सली का शव बरामद किया, जिसकी पहचान कुंवर मांझी के रूप में हुई। घटनास्थल से एक AK-47 राइफल और अन्य आपत्तिजनक सामग्री भी मिली है। यह हथियार नक्सली गतिविधियों में इस्तेमाल होता था, जिससे साबित होता है कि यह एक बड़ी सफलता है।
Jharkhand | Security forces neutralised a Sub-Zonal Naxal Commander, Kunwar Manjhi alias Sahdeo Manjhi alias Sade, during an exchange of fire that took place around 6.30 am today in the forest area in Jharkhand's Bokaro district. An AK-47 rifle was also recovered in the operation… pic.twitter.com/DNjumObEdO
— ANI (@ANI) July 16, 2025
कौन था कुंवर मांझी?
कुंवर मांझी उर्फ सहदेव मांझी उर्फ सादे, झारखंड में लंबे समय से सक्रिय एक कुख्यात नक्सली कमांडर था। उस पर कई हिंसक वारदातों, हत्याओं और रंगदारी के आरोप थे। वह इलाके में आतंक का पर्याय बना हुआ था और स्थानीय लोगों में उसका खौफ था। उसकी मौत से नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और सुरक्षा बहाल होने की उम्मीद जगी है। मांझी की गतिविधियों से क्षेत्र का विकास भी बाधित हो रहा था।
Naxal Encounter | Jharkhand Naxal | jharkhand news