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लोगों ने कहा धन्य है नेमरा की भूमि जहां "गुरुजी" जैसे विभूति का जन्म हुआ।

गुरुजी शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म में नेमरा में हजारों लोग पहुंचे। जल, जंगल, जमीन और झारखंड की अस्मिता की रक्षा के लिए उनके योगदान को याद किया गया।

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MANISH JHA
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रांची वाईबीएन डेस्क : स्मृति शेष-राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के श्राद्ध- कर्म के आठवें दिन भी आज सुबह से ही रामगढ़, नेमरा स्थित मुख्यमंत्री  हेमन्त सोरेन के पैतृक आवास में "गुरुजी" को श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों का तांता लगा रहा। हजारों की संख्या में नेमरा पहुंचे आम और खास सभी वर्ग के लोगों ने मुख्यमंत्री हेमंत  सोरेन से मुलाकात कर उनके प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की। स्मृति शेष-दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे लोगों ने "गुरुजी" को याद करते हुए कहा कि धन्य है नेमरा की भूमि जहां

गुरुजी जैसे विभूति का जन्म हुआ।

लोगों ने कहा कि नेमरा में "गुरुजी" को श्रद्धांजलि देने जनसैलाब उमड़ पड़ा है यह अपने प्रिय नेता के प्रति लोगों का प्यार और स्नेह है। अपने जननेता को खोने का गम लोगों के चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा है। 

गुरुजी ने झारखंड वासियों के अस्मिता की रक्षा की लड़ाई लड़ी

लोगों ने कहा कि स्मृति शेष-दिशोम गुरु शिबू सोरेन झारखंडी चेतना के प्रहरी रहे। उन्होंने जल, जंगल, जमीन ही नहीं बल्कि संपूर्ण झारखंड वासियों के अस्मिता की रक्षा की लड़ाई लड़ी। "गुरुजी" ने आदिवासी, दलित, शोषित, वंचित समुदायों को उनके हक-अधिकार के लिए जागरूक किया। "गुरुजी" ने अपना पूरा जीवन जनहित के कार्यों के लिए समर्पित किया। "गुरुजी" का परलोक गमन अपूरणीय क्षति है जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती है। अलग झारखंड राज्य के निर्माता को शत-शत नमन! श्रद्धांजलि देने वालों में मंत्री, सांसद, विधायक सहित अन्य गणमान्य एवं राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे हजारों की संख्या में महिला-पुरुष उपस्थित थे।

Jharkhand hemant soren
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