बेंगलुरु, वाईबीएन नेटवर्क ।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विधानसभा में अपना रिकॉर्ड 16वां बजट पेश किया। इस बार अपने बजट भाषण में सिद्धारमैया ने सामाजिक न्याय पर जोर दिया है। सीएम ने बजट में मुस्लिमों के लिए कई घोषणाएं कीं। सीएम ने एलान किया कि सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों में से 4 प्रतिशत अब श्रेणी-II बी के तहत मुसलमानों के लिए आरक्षित होंगे। सरकार ने कहा कि मुस्लिम लड़कियों के लिए 15 महिला कॉलेज खोले जाएंगे। इसका निर्माण वक्फ बोर्ड की ही जमीन पर किया जाएगा, लेकिन सरकार इस पर पैसा खर्च करेगी।
सीएम ने मुस्लिमों पर बरसाए पैसे
- मुस्लिम समेत अल्पसंख्यकों की शादियों के लिए 50 हजार रुपये की सहायता।
- वक्फ संपत्तियों और कब्रिस्तानों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सरकार 150 करोड़ रुपये देगी।
- मुस्लिम सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए 50 लाख रुपये।
- मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में नए आईटीआई कॉलेज की स्थापना, केईए के तहत मुस्लिम छात्रों के लिए 50 प्रतिशत शुल्क रियायत दी जाएगी।
- इसके अलावा, उल्लाल शहर में मुस्लिम लड़कियों के लिए आवासीय पीयू कॉलेज, मुस्लिम छात्रों के लिए राष्ट्रीय और विदेशी छात्रवृत्ति में वृद्धि, अतिरिक्त इमारतों के साथ बेंगलुरु के हज भवन का विस्तार, मुस्लिम छात्राओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
सीएम ये बड़े फैसले भी लिए
- मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक के मल्टीप्लेक्स में मूवी टिकट की कीमत 200 रुपये होगी।
- मेट्रो नेटवर्क का केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक विकास किया जाएगा।
- नाबार्ड के सहयोग से मैसूर में रेशम कीट बाजार की स्थापना होगी।
- शहरी विकास के लिए महानगर पालिका को 2 हजार करोड़ का आवंटन किया गया।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विधानसभा में अपना रिकॉर्ड 16वां बजट पेश किया। इस बार अपने बजट भाषण में सिद्धारमैया ने सामाजिक न्याय पर जोर दिया है। बजट पेश करने से पहले सीएम सिद्धारमैया बजट दस्तावेज लेकर विधानसभा पहुंचे। उनके साथ उनके कैबिनेट के अन्य सदस्य भी मौजूद थे। इस बीच, कर्नाटक के नेता प्रतिपक्ष आर अशोक ने दावा किया कि सीएम सिद्धारमैया का यह आखिरी बजट है, क्योंकि अब उनकी कुर्सी जाने वाली है।
बोले डीके शिवकुमार ने विपक्ष पर किया हमला
दूसरी ओर, डीके शिवकुमार ने बजट से पहले विपक्षी दल पर हमला करते हुए कहा, "कर्नाटक पर बोलने का उनके पास कोई नैतिक अधिकार नहीं है। केंद्रीय बजट में कर्नाटक को कुछ भी नहीं दिया गया... उन्हें शर्म आनी चाहिए। उन्हें जो करना है करने दीजिए। यह लोगों की इच्छा है। हम कर्नाटक के लोगों की रक्षा के लिए हैं। अपने कार्यकाल में हमने कर्नाटक के लोगों से जो भी वादा किया था, उसे पूरा किया है।"
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का बजट पेश किया, जिसमें चालू वित्त वर्ष में विभिन्न गारंटी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए 51,034 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई।
सीएम बोले, राजकोषीय अनुशासन बनाए रखा
सीएम सिद्धारमैया ने जोर देकर कहा कि सरकार ने राजकोषीय अनुशासन बनाए रखते हुए इन गारंटियों का प्रबंधन किया है। बजट में पिछले दो बजटों में जीएसडीपी के 3 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के मानदंड और 25 प्रतिशत के ऋण-से-जीएसडीपी अनुपात का पालन किया गया है।
कृषि क्षेत्र, जिसने पिछले वर्ष-4.9 प्रतिशत की नकारात्मक विकास दर का सामना किया था, ने 2024-25 में 4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वापसी की है, यह राष्ट्रीय कृषि विकास दर 3.8 प्रतिशत से आगे है। इस सुधार का श्रेय खरीफ की बुवाई को बढ़ावा देने वाली सरकारी पहल, अनुकूल मानसून की स्थिति और जलाशय के स्तर में सुधार को दिया गया है। कृषि क्षेत्र का बजट पिछले साल के 44,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 51,339 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
कर्नाटक में संतुलित बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने 8,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ मुख्यमंत्री बुनियादी ढांचा विकास कार्यक्रम (सीएमआईडीपी) शुरू किया है। यह पहल सभी विधानसभा क्षेत्रों में लघु सिंचाई, सड़क नेटवर्क और शहरी बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर केंद्रित होगा।