यूपी सरकार ने अयोध्या और काशी के बाद अब मथुरा में हेरिटेज कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया है। जिसके बाद श्रद्धालुओं और पर्यटकों को इस क्षेत्र में एक नई यात्रा अनुभव मिलेगा। सरकार ने इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए हैं। इसके लिए यमुना एक्सप्रेसवे से बांके बिहारी मंदिर को जोड़ने के लिए एक 6 किलोमीटर लंबा मिनी लिंक एक्सप्रेसवे बनाने की योजना बनाई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के फेज-2 मास्टर प्लान को भी मंजूरी दे दी है। जिससे इस परियोजना को गति मिलेगी।
परियोजना का मुख्य उद्देश्य और लाभ
इस हेरिटेज कॉरिडोर का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है। इस परियोजना के तहत यमुना एक्सप्रेसवे से बांके बिहारी मंदिर को जोड़ने के लिए एक मिनी लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। इससे मथुरा और उसके आसपास के क्षेत्रों में यात्रा अधिक सुगम और सुलभ होगी। इसके अलावा हेरिटेज कॉरिडोर में कन्वेशन सेंटर, कला संस्थान, योग और प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र, अस्पताल, रिसॉर्ट और इलेक्ट्रिक बस डिपो जैसे प्रमुख निर्माण होंगे। इससे मथुरा न केवल एक आध्यात्मिक स्थल के रूप में बल्कि एक सांस्कृतिक और स्वास्थ्य पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित होगा।
मथुरा का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
मथुरा का इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर अत्यंत समृद्ध है। भारतीय महाकाव्य रामायण में मथुरा का उल्लेख मधुपुर या मधुदानव के नगर के रूप में किया गया है। मथुरा की सांस्कृतिक यात्रा की शुरुआत छठी शताब्दी ईसा पूर्व से होती है जब यह शूरसेन साम्राज्य की राजधानी बनी। मथुरा का तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मेगस्थनीज ने "मेथोरा" के नाम से उल्लेख किया था। इसके बाद कुषाणों ने मथुरा को अपनी राजधानी बनाया और यहां कला और संस्कृति का उत्कर्ष हुआ। मथुरा को भगवान कृष्ण का जन्मस्थान और गृहनगर माना जाता है और यह हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है।
मुख्य आकर्षण
मथुरा में कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल हैं जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इनमें मथुरा संग्रहालय, कृष्ण जन्म भूमि, द्वारकाधीश मंदिर, बांके बिहारी मंदिर और गोवर्धन प्रमुख हैं। इसके अलावा मथुरा का सांस्कृतिक महत्व और आध्यात्मिक धरोहर इसे भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान करते हैं।
औद्योगिक और आर्थिक योगदान
मथुरा में औद्योगिक क्षेत्र भी महत्वपूर्ण है। यहां इंडियनऑयल की छठी रिफाइनरी स्थित है। जिसे 1982 में स्थापित किया गया था। यह रिफाइनरी उत्तर-पश्चिमी भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए स्थापित की गई थी। इसके अलावा मथुरा में राष्ट्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान भी स्थित है, जो बकरी पालन से जुड़ी तकनीकी और शोध कार्य करता है।
भविष्य में होने वाले लाभ
मथुरा में हेरिटेज कॉरिडोर की योजना से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी भी मजबूत होगी। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और मथुरा को एक प्रमुख सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और स्वास्थ्य पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा। इस प्रकार, मथुरा का हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना न केवल धार्मिक यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि यह शहर के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और औद्योगिक महत्व को भी बढ़ावा देगा, जिससे पूरे क्षेत्र का समग्र विकास होगा।