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गुरुग्राम, वाईबीएन नेटवर्क: क्या अब महिलाएं ICU में भी सुरक्षित नहीं? क्या अस्पताल अब अपराधियों के लिए खुला मैदान बनते जा रहे हैं? जिस जगह लोगों को जीवन दिया जाता है वहीं एक महिला की जिंंदगी तबाह हो गई। उसकी आबरू लूटी गई। देश के सबसे प्रतिष्ठित और महंगे अस्पतालों में शुमार मेदांता अस्पताल अब सवालों के घेरे में है वो भी एक ऐसी शर्मनाक घटना को लेकर जिसे सुनकर रूह कांप जाए। मेदांता में एक 46 वर्षीय एयर होस्टेस जो ICU में वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही थी। उसी ICU में उसके साथ दुष्कर्म हुआ। सवाल सिर्फ यह नहीं है कि यह घिनौनी हरकत हुई, बल्कि यह है कि मेदांता जैसे प्राइवेट सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल में ऐसा कैसे हो गया ? वहीं अस्पताल द्वारा सफाई दी गई है कि सभी जरूरी फुटेज व दस्तावेज पुलिस को सौंप दिए गए हैं और जांच में पूरा सहयोग दिया जा रहा है।
हर पल निगरानी वाली जगह पर कैसे हुई शर्मनाक घटना
मेदांता अस्पताल की पहचान उसके आलीशान इंटीरियर्स, महंगे इलाज और ब्रांडेड छवि से है। लेकिन जब एक मरीज ICU में भर्ती हो जहां न केवल बाहरी लोगों की एंट्री प्रतिबंधित होती है बल्कि हर सेकंड निगरानी रखी जाती है तो वहां कोई अजनबी घुसकर दुष्कर्म कर जाता है, और किसी को भनक तक नहीं लगती? इस घटना ने सभी को हिला कर रखा दिया। जिसने भी इसके बारे में सुना अवाक रह गया। मेदांता अस्पताल की चारदीवारी के भीतर ICU जैसे सुरक्षित माने जाने वाले स्थान में एक महिला से दुष्कर्म जैसी शर्मनाक घटनाएं अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही हैं।
ICU की चारदीवारी भी अब भरोसेमंद नहीं?
मेदांता जैसे अस्पतालों में मरीज लाखों रुपये खर्च करते हैं। इस भरोसे के साथ कि उन्हें सबसे बेहतरीन इलाज और सबसे सुरक्षित माहौल मिलेगा। लेकिन जब ICU जैसी हाई-सेक्योरिटी यूनिट में ही ऐसा कुकर्म हो जाए तो क्या अब अस्पताल में भर्ती होने से पहले मरीजों को अपने साथ एक गार्ड भी रखना होगा? इस मामले ने पूरे अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही और असंवेदनशीलता को उजागर कर दिया है। क्या मेदांता जैसे प्रतिष्ठित अस्पताल में भी मरीज अब सुरक्षित नहीं हैं? या फिर ये संस्थान सिर्फ नाम और पैसे के दम पर खुद को पाक साफ समझते हैं?
वेंटिलेटर पर भर्ती, होश नहीं...फिर भी हुआ हमला
पीड़िता ने शिकायत में बताया कि जब वह 6 अप्रैल को ICU में वेंटिलेटर पर थी तभी किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसके साथ यौन शोषण किया। सवाल ये है कि ICU जैसी जगह, जहां 24x7 निगरानी, सीसीटीवी, नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों की मौजूदगी होनी चाहिए वहां कोई कैसे पहुंचा और कैसे ऐसी घिनौनी हरकत को अंजाम दे पाया?
यह हो रहे सवाल खड़े
- क्या अस्पताल ने पुलिस को तुरंत सूचना दी या शिकायत दर्ज होने के बाद हरकत में आया?
- अगर महिला शिकायत न करती, तो क्या ये मामला कभी सामने आता?
- कहां थे डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ?
- सीसीटीवी निगरानी क्या शोपीस है?
- सुरक्षा गार्ड्स क्या कर रहे थे?
- किसी बाहरी शख्स को ICU में पहुंचने की इजाजत किसने दी?
बेहोरी में हो रहा था हरकत का एहसास
पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि 6 अप्रैल को जब वह गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल के आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर थीं तब एक मेल स्टाफ मेंबर उनके पास आया। उसने वहां मौजूद दोनों नर्सों से इलाज की जानकारी ली और उनके इधर-उधर होते ही महिला के पास पहुंचा और दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। पीड़िता के अनुसार उस वक्त उनके मुंह में ऑक्सीजन पाइप लगी हुई थी, जिस कारण वे कुछ बोल नहीं सकीं। लेकिन उन्होंने सिर हिलाकर विरोध करने की कोशिश की। महिला ने बताया कि वे पूरी तरह बेहोशी की स्थिति में थीं, लेकिन उन्हें किसी के छूने और हरकत का एहसास हो रहा था।
अस्पताल ने दी यह सफाई
गुरुग्राम पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल FIR दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है। वहीं अस्पताल द्वारा सफाई दी गई है कि सभी जरूरी फुटेज व दस्तावेज पुलिस को सौंप दिए गए हैं। लेकिन क्या यह सफाई पर्याप्त है? इतने हाई-प्रोफाइल अस्पताल में सुरक्षा के इतने बड़े दावे सिर्फ विज्ञापनों तक क्यों सीमित हैं?
स्विमिंग पूल में डूबने से हुई थी महिला की तबियत खराब
46 वर्षीय पीड़िता पश्चिम बंगाल की निवासी है और हाल ही में गुरुग्राम के एक होटल में ठहरी हुई थी। पुलिस जांच में यह सामने आया है कि महिला की तबीयत होटल के स्विमिंग पूल में डूबने के कारण बिगड़ गई थी, जिसके बाद उसे मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां करीब एक सप्ताह तक उसका इलाज चला। इसी दौरान 13 अप्रैल को महिला ने गुरुग्राम के सदर थाना में मेदांता अस्पताल के स्टाफ पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई।