नागपुर, वाईबीएन डेस्क। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अक्सर कुछ न कुछ नया ट्राई करते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने फार्म हाउस पर मल्चिंग पेपर तकनीक का प्रयोग करके प्याज का उत्पादन किया है। इस प्याज की खास बात ये है कि इसका वजन एक किलोग्राम से भी अधिक है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा ''नागपुर के धापेवाड़ा स्थित हमारे भक्ति फार्म में मेरी पत्नी, श्रीमती कांचन ने एक अनूठा प्रयोग करते हुए, मल्चिंग पेपर तकनीक का इस्तेमाल कर एक किलो तक वज़न वाले ऑर्गेनिक प्याज़ का सफल उत्पादन किया है।''
सोशल मीडिया पर शेयर किया पोस्ट
क्या है मल्चिंग पेपर तकनीक ?
मल्चिंग पेपर तकनीक में पौधों के चारों ओर की मिट्टी को एक परत से ढका जाता है, जो जैविक (जैसे सूखी घास, पत्तियां) या अजैविक (जैसे प्लास्टिक, बायोडिग्रेडेबल पेपर) हो सकती है। यह परत मिट्टी को सीधे धूप, हवा और बारिश से बचाती है, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता और फसल की उपज में सुधार होता है।
मल्चिंग पेपर के प्रमुख लाभ
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खरपतवार नियंत्रण: मल्चिंग पेपर सूर्य के प्रकाश को मिट्टी तक पहुंचने से रोकता है, जिससे खरपतवारों की वृद्धि कम होती है। इससे किसानों को खरपतवारनाशकों के उपयोग की आवश्यकता कम पड़ती है।
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मिट्टी की नमी बनाए रखना: यह तकनीक मिट्टी से पानी के वाष्पीकरण को कम करती है, जिससे सिंचाई की आवश्यकता घटती है और जल संरक्षण होता है।
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मिट्टी का तापमान नियंत्रण: मल्चिंग पेपर गर्मियों में मिट्टी को ठंडा और सर्दियों में गर्म बनाए रखने में मदद करता है, जिससे पौधों की जड़ों को अनुकूल तापमान मिलता है।
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फसल की गुणवत्ता में सुधार: यह तकनीक फलों और सब्जियों को मिट्टी के सीधे संपर्क से बचाती है, जिससे उनकी गुणवत्ता और रंग में सुधार होता है।
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कीट नियंत्रण: कुछ प्रकार के मल्चिंग पेपर, जैसे सिल्वर-ब्लैक प्लास्टिक, कीटों को दूर रखने में प्रभावी होते हैं।