/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/05/raj-thakre-2025-07-05-12-48-01.jpg)
Photograph: (Google)
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00
महाराष्ट्र, वाईबीएन डेस्क: राजनीतिक रूप से ऐतिहासिक क्षण उस समय दर्ज हुआ जब करीब 20 साल बाद राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक मंच पर साथ नजर आए। कार्यक्रम की शुरुआत दोनों भाइयों के गले मिलने से हुई, जिसके बाद माहौल भावुक हो गया। इसके तुरंत बाद मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अपने तीखे भाषण से केंद्र और राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री सिर्फ मराठा ही होना चाहिए।
महाराष्ट्र को कोई तिरछी नजर से नहीं देख सकता
राज ठाकरे ने कहा कि मैं शांत हूं तो इसका ये मतलब नहीं कि कोई मुझे बेवकूफ समझे। कोई अगर मुंबई को छूने की कोशिश करेगा, तो देख लेना। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि महाराष्ट्र को कोई तिरछी नजर से नहीं देख सकता। राज ठाकरे ने हिंदी भाषा के मुद्दे को लेकर त्रिभाषा नीति की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि हिंदी अच्छी भाषा है, लेकिन किसी पर थोपना ठीक नहीं। "त्रिभाषा स्कूल कहां से आ गए? आप जबरदस्ती हिंदी नहीं थोप सकते। ये मुंबई को अलग करने की कोशिश है," उन्होंने कहा। राज ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र को कमजोर करने की साजिश हो रही है। "पहले भाषा के आधार पर बांटेंगे, फिर जातियों के नाम पर लोगों को तोड़ेंगे। ये ताकतें नहीं चाहतीं कि मराठी लोग एकजुट हों।
महाराष्ट्र की अस्मिता से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी
उन्होंने सवाल किया कि क्या हिंदी भाषी राज्यों के विकास के लिए अब सबको हिंदी सीखनी होगी? साथ ही उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की अस्मिता से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कार्यक्रम न सिर्फ राजनीतिक मेल-मिलाप का प्रतीक था, बल्कि महाराष्ट्र की भाषा, संस्कृति और एकता को लेकर एक सख्त संदेश भी था। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ठाकरे भाइयों का यह मंच साझा करना आने वाले समय में राज्य की राजनीति में बड़ा मोड़ ला सकता है। Raj Thackeray
Advertisment